BJP Government: दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को एक नई चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, जहां वह 27 साल बाद सत्ता में आई है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में सार्वजनिक बसें चलाने के लिए जिम्मेदार दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) का कर्ज पिछले छह सालों में 35,000 करोड़ रुपये बढ़ गया है।
डीटीसी का संचयी घाटा
सीएजी रिपोर्ट से पता चला है कि दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) का संचयी घाटा 2015-16 में 25,300 करोड़ रुपये से बढ़कर 2021-22 में लगभग 60,750 करोड़ रुपये हो गया। इसके मुख्य कारण थे बसों का कम होना, 45% बसों का पुरानी होने के कारण खराब होने का खतरा और बेड़े का अकुशल उपयोग।
महिलाओं के लिए मुफ़्त बस यात्रा योजना का प्रभाव
महिलाओं के लिए मुफ़्त बस यात्रा योजना ने भी डीटीसी के कर्ज के बोझ को बढ़ाया। यह योजना पिछली आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा शुरू की गई थी और इसके कारण डीटीसी को अतिरिक्त वित्तीय बोझ का सामना करना पड़ा।
दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश
2007 में जब दिल्ली में शीला दीक्षित के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार थी, तब दिल्ली उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया था कि दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के पास 11,000 बसों का बेड़ा होना चाहिए। हालांकि, पांच साल बाद, दिल्ली कैबिनेट ने लक्ष्य 5,500 निर्धारित किया।
भाजपा सरकार के लिए नई चुनौती
भाजपा की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पिछली आप सरकार पर वित्तीय कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए दावा किया कि उसने दिल्ली के खजाने को खाली कर दिया है। उन्होंने कहा, “आप ने खजाना खाली कर दिया है।” दिल्ली का वर्तमान बजट 78,800 करोड़ रुपये है, जबकि सब्सिडी पर खर्च बढ़कर 11,000 करोड़ रुपये हो गया है – जो पिछले दस वर्षों में 607% की वृद्धि है।