Brij Bhushan Sharan Singh: भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और यूपी के कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र से सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को झटका लगा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें यौन उत्पीड़न केस में किसी भी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया है।
हाईकोर्ट ने बृजभूषण शरण सिंह के वकील से उनके खिलाफ मामले को खारिज करने के लिए अपनी सभी दलीलों के साथ एक संक्षिप्त नोट जमा करने को कहा है। बृजभूषण की याचिका में उनके खिलाफ इन कार्यवाही को जारी रखने का विरोध करने की मांग की गई है।
ट्रायल कोर्ट के आदेश को दी चुनौती
भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष पर यौन उत्पीड़न और महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोप हैं। उन्होंने मामले में एफआईआर, चार्जशीट और आरोप तय करने से संबंधित ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है।
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बृजभूषण शरण सिंह की याचिका में कई महिला पहलवानों द्वारा दर्ज की गई शिकायतों के संबंध में उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही को चुनौती देने की मांग की गई है।
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पक्षपातपूर्ण तरीके से की गई जांच
बृजभूषण ने कहा कि जांच पक्षपातपूर्ण तरीके से की गई है। केवल पीड़ितों के बयान पर ही विचार किया गया। उन्होंने कहा कि आरोपों के झूठ पर ध्यान दिए बिना ही निचली अदालत में आरोप पत्र यानी चार्जशीट दायर कर दिया गया था।
छह बार के सांसद हैं बृजभूषण शरण सिंह
बृजभूषण शरण सिंह गोंडा, बलरामपुर और कैसरगंज से छह बार सांसद रह चुके हैं। उन पर छह महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, जिसके बाद उन्हें इस साल के लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया गया। इसके साथ ही, उन्हें WFI प्रमुख के पद से भी हटना पड़ा।