बिहार के साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। बिहार सक्षमता की परीक्षा ना पास करने और परीक्षा ना देने वालों को हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। पटना हाईकोर्ट ने नई शिक्षक नियमावली के नियम चार को निरस्त कर दिया है। अब बिहार में सक्षमता परीक्षा पास करना अनिवार्य नहीं है।
अब बिहार में सक्षमता परीक्षा पास नहीं करने वाले और परीक्षा में शामिल नहीं होने वालों की नौकरी नहीं जाएगी। पटना हाईकोर्ट ने बिहार विद्यालय विषय विशिष्ट शिक्षक नियमावली को चुनौती देने वाली 12 से अधिक अर्जी पर सुनवाई के बाद पिछले 15 मार्च को ही अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने मंगलवार को अपना फैसला सुनाया।
मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति हरीश कुमार की खंडपीठ ने 15 अर्जियों पर सुनवाई की थी। इसके बाद 88 पन्ने का आदेश दिया था। कोर्ट ने बिहार में कार्यरत स्थानीय निकाय शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा को सही ठहराया है।
नई शिक्षक नियमावली 2023 के नियम चार के तहत नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा पास करना अनिवार्य होगा और यह भी कहा गया था कि शिक्षकों को परीक्षा पास करने के लिए पांच अवसर दिए जाएंगे। नौकरी जाने तक की बात भी कही गई थी। लेकिन, अब कोर्ट ने इस नियम को ही समाप्त कर दिया।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने वर्ग 9 से 10वीं और 11 से 12वीं के शिक्षकों का परीक्षाफल घोषित कर दिया है। कक्षा 9 से 10 तक के शिक्षकों की परीक्षा में कुल 20,842 शिक्षक शामिल हुए थे। इसमें कुल 20,354 शिक्षक पास हुए। 98 प्रतिशत शिक्षक पास किए गए हैं।