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यूपी-बिहार से गुजरेगी बुलेट ट्रेन, पटना से दिल्ली की दूरी तीन घंटे में होगी तय

नेशनल हाई स्पीड रेल कारपोरेशन लिमिटेड ने अहमदाबाद-मुंबई रूट के बाद अब दिल्ली-हावड़ा के बीच बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारियों में तेजी लाना शुरू कर दिया है। दिल्ली-हावड़ा रूट पर यह ट्रेन बिहार के बक्सर, पटना और गया से होकर हावड़ा जाएगी। यह ट्रेन 350 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। इस ट्रेन से पटना से नई दिल्ली का सफर महज तीन घंटे में पूरा होगा।
Bullet train | UP-Bihar } shreshth bharat |

वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के बाद अब बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारियां जोरों पर हैं। नेशनल हाई स्पीड रेल कारपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) ने अहमदाबाद-मुंबई रूट के बाद अब दिल्ली-हावड़ा (Delhi to howrah) के बीच बुलेट ट्रेन (Bullet Train) चलाने की तैयारियों में तेजी लाना शुरू कर दिया है। बता दें, दिल्ली-हावड़ा रूट पर यह ट्रेन बिहार के बक्सर, पटना और गया से होकर हावड़ा जाएगी। यह ट्रेन 350 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। इस ट्रेन से पटना से नई दिल्ली का सफर महज तीन घंटे में पूरा होगा। फिलहाल दिल्ली-पटना के बीच ट्रेन से जाने में 17 घंटे से अधिक समय लग जाता है।

बिहार के तीन जिलों में होगा स्टेशन की निर्माण

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बिहार के बक्सर, उदवंतनगर (आरा) और गया जिले में बुलेट ट्रेन के लिए स्टेशन बनाए जाएंगे। इसके अलावा, बुलेट ट्रेन के लिए बिहार में एलिवेटेड रेलवे ट्रैक बनाने का रूट भी फाइनल हो चुका है। स्टेशन बनाने और एलिवेटेड ट्रैक के लिए जमीन सर्वेक्षण का काम चालू हो गया है। अगर अधिग्रहण की जाने वाली जमीन पर घर, बोरिंग, पेड़ या अन्य कुछ है तो इसके लिए मुआवजा भी दिया जाएगा। वहीं, NHSRCL की टीम के अगस्त महीने के आखिरी सप्ताह तक पटना पहुंचने की संभावना है।

दो फेज में पूरा होगा रेलवे का काम

रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली-हावड़ा रेल प्रोजेक्ट का काम दो फेज में पूरा होना है। पहले फेज में 813 किलोमीटर का ट्रैक तैयार किया जाएगा। यह ट्रैक दिल्ली से वाराणसी के बीच वाया लखनऊ बनाया जाएगा। अयोध्या को भी इससे जोड़ा जाएगा। दूसरे फेज में वाराणसी-हावड़ा वाया पटना रूट पर काम होगा। इस प्रोजेक्ट को तैयार करने में अनुमानित लागत 5 अरब रुपये बताई जा रही है। वाराणसी, बक्सर, आरा, पटना व नवादा, धनबाद, आसनसोल, दुर्गापुर, वर्धमान और हावड़ा में स्टेशन प्रस्तावित हैं। बुलेट ट्रेन का ट्रैक एलिवेटेड होगा। यह जमीन से करीब 20 फीट ऊपर रहेगा।

क्या होता है एलिवेटेड रेलवे ट्रैक ?

एलिवेटेड रेलवे ट्रैक (Elevated Railway Track) एक ऐसी व्यवस्था है, जिसमें रेलवे ट्रैक के लिए सड़क के स्तर के ऊपर एक वाया डक्ट या अन्य एलिवेटेड संरचना का उपयोग किया जाता है। ये व्यवस्था रेलवे के ब्रॉड-गेज, स्टैंडर्ड-गेज या नैरो-गेज रेलवे, लाइट रेल, मोनोरेल या एक सस्पेंशन रेलवे के लिए इस्तेमाल की जा सकती है। एलिवेटेड रेलवे ट्रैक आमतौर पर शहरी क्षेत्रों में बनाए जाते हैं। सबसे पहला एलिवेटेड रेलवे लंदन और ग्रीनविच रेलवे था, जो 878 मेहराबों वाले ईंट के पुल पर बना था, जिसे 1836 और 1838 के बीच बनाया गया था ।


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