Pandit Laxmikant Dixit Died: अयोध्या में श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा करवाने वाले प्रमुख पुजारी श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित अब इस दुनिया में नहीं रहे। आज, 22 जून को मंगला गौरी वाराणसी में उनका निधन हो गया। लक्ष्मीकांत ने 86 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। उनकी मौत से प्रदेश में शोक की लहर है।
राम मंदिर की कराई थी प्राण प्रतिष्ठा
लक्ष्मीकांत दीक्षित वाराणसी के मीरघाट स्थित सांगवेद महाविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य थे। इस विश्वविद्यालय की स्थापना काशी नरेश के सहयोग से की गई थी। आचार्य लक्ष्मीकांत की गिनती काशी में यजुर्वेद के बड़े विद्वानों में होती थी। आचार्य जी ने काशी के 121 ब्राह्मणों ने अयोध्या में श्री राम लला मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा करवाई थी।
महाराष्ट्र के निवासी थे आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित
आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित मूल रूप से महाराष्ट्र के शोलापुर जिले के रहने वाले थे, लेकिन कई पीढ़ियों से उनका परिवार काशी में रह रहा है। पंडित लक्ष्मीकांत सांगवेद महाविद्यालय (Pandit Laxmikant Dixit Died) के वरिष्ठ आचार्य थे। अचानक तबीयत खराब होने की वजह से उनका निधन हो गया।
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लक्ष्मीकांत दीक्षित के परिवार ने कही ये बात
आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के पारिवारिक सदस्य के मुताबिक, आज अचानक से उनकी तबीयत बिगड़ खराब हो गई और कुछ ही देर बाद उनका निधन हो गया। भारतीय सनातन संस्कृति और परंपरा में उनकी गहरी आस्था थी। गौरतलब है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान लक्ष्मीकांत दीक्षित का प्रमुख पुजारी के रूप में चयन हुआ था। उनके पूर्वजों ने नागपुर और नासिक रियासतों में भी धार्मिक अनुष्ठान कराए थे। लक्ष्मीकांत दीक्षित पूजा पद्धति में सिद्धहस्त और वाराणसी के मीरघाट स्थित सांगवेद महाविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य रहे।
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