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दुनिया के नंबर 1 पैरा बैडम‍िंंटन ख‍िलाड़ी बने IAS Suhas L Yathiraj, जानें इनकी पूरी कहानी

IAS Suhas L Yathiraj: Suhas LY ने जीवन में तमाम उतार-चढ़ावों के बावजूद अपनी मेहनत, लग्न और सच्ची निष्ठा से न केवल उत्तर प्रदेश का बल्कि...
IAS Suhas L Yathiraj

IAS Suhas L Yathiraj: कहते हैं अगर इंसान के अंदर कुछ करने की चाह है, तो वह धरती आसमान एक करके अपने लक्ष्य को प्राप्त कर ही लेता है। इस बात का श्रेष्ठ उदाहरण हैं उत्तर प्रदेश के IAS अधिकारी सुहास लालिनाकेरे यतिराज (Suhas Lalinakere Yathiraj)। Suhas LY ने जीवन में तमाम उतार-चढ़ावों के बावजूद अपनी मेहनत, लग्न और सच्ची निष्ठा से न केवल उत्तर प्रदेश का बल्कि पूरे भारत का नाम रोशन किया है। यूपी के खेल सचिव IAS अधिकारी Suhas LY ने पैरा बैडमिंटन की नंबर-1 रैंक हासिल करके इतिहास रच दिया है। उन्होंने फ्रांस के दिग्गज खिलाड़ी को हराकर ये उपलब्धि हासिल की है।

बता दें, Suhas LY ने BWF पैरा बैडमिंटन वर्ल्ड रैंकिंग में पहली रैंक हासिल की है। उन्होंने फ्रांस के दिग्गज शटलर लुकास माजुर को हराकर ये उपलब्धि हासिल की है। चालीस वर्षीय Suhas LY को टोक्यो पैरालंपिक में एसएल-4 कैटेगरी के मुकाबले में लुकास माजुर ने ही हराया था। तब सुहास ने रजत पदक जीता था।

वहीं, पैरा बैडमिंटन वर्ल्ड रैंकिंग की ओर से जारी की गई ताजा रैंकिंग के मुताबिक, सुहास के नाम 60,527 अंक हैं, जबकि फ्रांस के लुकास माजुर 58,953 अंक के साथ दूसरे स्थान पर रहे। वहीं, इंडोनेशिया के फ्रेडी सेतिवान 51,455 अंक के साथ तीसरे स्थान पर रहे।

कौन है Suhas L Yathiraj ?

Suhas LY का जन्म 2 जुलाई 1983 को कर्नाटक के शिगोमा शहर में हुआ था। वह जन्म से ही दिव्यांग थे। उन्होंने प्रारंभिक स्कूली शिक्षा स्थानीय भाषा कन्नड़ में शुरू की। साल 2004 में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सुरथकल, कर्नाटक से कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग शाखा में प्रथम श्रेणी में डिस्टिंक्शन के साथ ग्रेजुएशन किया। पैर से दिव्यांग होने के बावजूद Suhas LY खिलाड़ी बनना चाहते थे। वे बचपन से ही देश के लिए खेलना और जीतना चाहते थे।

अर्जुन पुरस्कार विजेता Suhas LY ने इंजीनियरिंग की थी, जिसके बाद उन्हें नौकरी मिल गई, लेकिन पिता का निधन होने के बाद परिवार की जिम्मेदारी भी सुहास के कंधों पर आ गई। सुहास ने नौकरी के साथ-साथ सिविल परीक्षा की तैयारी आरंभ कर दी। उन्होंने साल 2007 में UPSC की परीक्षा में सफलता हासिल की, जिसके बाद उन्हें उत्तर प्रदेश कैडर मिला। वे पैरालंपिक पदक और अर्जुन पुरस्कार जीतने वाले भारत के एकमात्र आईएएस अधिकारी हैं।

Suhas L Yathiraj ने कब शुरु किया बैडमिंटन खेलना ?

उत्तर प्रदेश कैडर मिलने के बाद Suhas LY को अलग-अलग जिलों में तैनाती मिली, लेकिन उनका खेल उनसे नहीं छूटा। उन्होंने साल 2016 में चीन के बीजिंग में हुए एशियाई पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में इंडोनेशिया के हैरी सुसांतो को हराकर भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता। इस दौरान वे आजमगढ़ के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में कार्यरत थे।

दिसंबर 2016 में उन्हें उत्तर प्रदेश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, यश भारती प्रदान दिया गया। यह पुरस्कार उन्होंने 1 दिसंबर 2016 को उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से प्राप्त किया । वे फरवरी 2023 से उत्तर प्रदेश सरकार के युवा कल्याण और प्रांतीय रक्षक दल के सचिव और महानिदेशक के रूप में कार्यरत हैं ।

Suhas L Yathiraj ने कहा- आखिरकार वर्ल्ड नंबर-1

Suhas LY ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि आखिरकार वर्ल्ड नंबर-1, यह बताते हुए खुशी हो रही है। मुझे जीवन में पहली बार बैडमिंटन विश्व महासंघ की पैरा बैडमिंटन रैंकिंग में वर्ल्ड की नंबर-1 रैंकिंग मिली है। इससे पहले लंबे समय तक इस स्थान पर लुकास माजुर बने हुए थे। आपके आशीर्वाद और शुभकामनाओं के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। जय हिंद।

Suhas L Yathiraj को सीएम योगी ने दी बधाई

Suhas LY की इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि बधाई हो! खेल के प्रति आपका समर्पण, साथ ही प्रशासनिक कर्तव्यों का आपका कुशल संचालन, वास्तव में सराहनीय है। आपके सभी भावी प्रयासों में निरंतर सफलता की कामना करता हूँ। हमें आपकी उपलब्धियों और हम सभी को मिलने वाली प्रेरणा पर गर्व है।

यह भी पढ़ें- पाकिस्तान क्रिकेट टीम पर लगे ये बड़े आरोप, क्या एक्शन लेंगे पीसीबी प्रमुख?


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