श्रेष्ठ भारत (Shresth Bharat) | Hindi News

Follow us on:

शादी ही नहीं लिव-इन-रिलेशनशिप के लिए भी धर्म परिवर्तन जरूरी-इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला

ALLAHABAD HIGH COURT | LIVE IN RELATION SHIP | SHRESHTH BHARAT

केवल शादी ही नहीं बल्कि लिव इन रिलेशनशिप के लिए भी धर्म परिवर्तन जरूरी है। यह अहम फैसला सुनाया है इलाहाबाद हाईकोर्ट ने। कोर्ट ने कहा कि धर्मांतरण निषेध कानून ने केवल परस्पर विरोधी धर्म के लोगों की शादी बल्कि लिविंग रिलेशनशिप पर भी लागू होता है। इसलिए बिना कानूनी प्रक्रिया के तहत धर्म परिवर्तन किए विपरीत धर्म का जोड़ा लिव इन रिलेशनशिप में नहीं रह सकता है।

एक किस की सुनवाई करते हुए जस्टिस रेनू अग्रवाल की सिंगल बेंच ने अंतर धार्मिक जोड़े की उसे याचिका को खारिज कर दिया। जिसमें पुलिस सुरक्षा की मांग की गई थी। अदालत ने कहा कि धर्म परिवर्तन ने केवल विवाह के उद्देश्य के लिए आवश्यक है बल्कि यह विभाग की प्रकृति के सभी रिश्तों में भी जरूरी है। कोर्ट ने इस मामले पर आगे कहा कि किसी भी याचिका करता है। अधिनियम की धारा 8 और 9 के अनुसार धर्म परिवर्तन के लिए आवेदन नहीं दिया है।आर्य समाज मंदिर में शादी का पंजीकरण करवा कर लिविंग रिलेशनशिप में रह रहे हैं।


संबंधित खबरें

वीडियो

Latest Hindi NEWS

UP Cabinet
योगी सरकार ने PRD के जवानों को दी खुशखबरी, बढ़ाई गई सैलरी
Delhi Weather
दिल्ली-एनसीआर में हीटवेव की चेतावनी, राजस्थान में रेड अलर्ट जारी
KKR vs LSG Head to Head Records
IPL 2025: KKR ने जीता टॉस, लखनऊ सुपर जायंट्स को दिया पहले बल्लेबाजी का न्योता
Waqf Bill in Supreme Court
वक्फ कानून के खिलाफ SC में कई याचिकाएं दायर, 15 अप्रैल को हो सकती है सुनवाई
Supreme Court On Tamil Nadu Governor
सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु गवर्नर को लगाई फटकार, जानें क्या हैं मामला?
pm modi
मुद्रा योजना से महिलाओं और युवाओं को लाभ, उद्यमिता को बढ़ावा: प्रधानमंत्री मोदी