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Sawan 2024: सावन में लोग क्यों करते हैं रुद्राभिषेक? जानें महत्व और विधि

इस बार भोलेनाथ की पूजा करने के लिए भक्तों के पास पूरे 29 दिनों का समय है। 29 दिनों तक चलने वाले इस त्योहार में शिव भक्त अपने आराध्य को खुश रखने की पूरी कोशिश करेंगे। भक्त भोलेनाथ की पूजा-अर्चना में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते...
Sawan 2024| shreshth bharat

Sawan 2024: सावन का महीना भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना माना जाता है। मान्यता है कि भोले नाथ इस पूरे महीने अपने भक्तों पर खास कृपा-दृष्टि बरसाते हैं। इस बार भोलेनाथ की पूजा करने के लिए भक्तों के पास पूरे 29 दिनों का समय है। 29 दिनों तक चलने वाले इस त्योहार में शिव भक्त अपने आराध्य को खुश रखने की पूरी कोशिश करेंगे। भक्त भोलेनाथ की पूजा-अर्चना में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते, वह विधि-विधान से भगवान की पूजा करना चाहते हैं।

इन सभी में से रुद्राभिषेक एक ऐसी विधि है, जिसे करके आप भगवान शिव को प्रसन्न कर सकते हैं। सावन में रुद्राभिषेक का विशेष महत्व होता है। आइए आपको बताते हैं सावन में रुद्राभिषेक करने की विधि…

Sawan 2024: सावन में रुद्राभिषेक का महत्व

शिवपुराण के मुताबिक, शिव के रूद्र अवतार का विधि पूर्वक रुद्राभिषेक करने से मनुष्यों को जीवन के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही धन में भी बढ़ोत्तरी होती है। माना जाता है कि सावन सोमवार के दिन रुद्राभिषेक करना लोगों के लिए काफी लाभदायक होता है।

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कालसर्प दोष के दूर करने के लिए सावन में रुद्राभिषेक करना काफी असरदार माना गया है। रुद्राभिषेक करने से राहु और केतु के अशुभ प्रभाव भी कम होते हैं। अगर पति-पत्‍नी साथ में घर में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें तो उनके दांपत्‍य जीवन में प्यार बढ़ता है। सावन पर रुद्राभिषेक करने से ग्रहों के अशुभ प्रभाव भी कम होते हैं। शनि की महादशा से पीड़ित लोगों को सावन में रुद्राभिषेक जरुर करना चाहिए।

घर में ऐसे करें रुद्राभिषेक

सावन के सोमवार के दिन आप घर या मंदिर जाकर शिवलिंग का रुद्राभिषेक कर सकते हैं, लेकिन रुद्राभिषेक से पहले आपको भगवान गणेश, माता पार्वती, ब्रह्मदेव, मां लक्ष्मी, नवग्रह, पृथ्वी माता, अग्नि देव, सूर्य देव और मां गंगा का ध्यान कर उनकी पूजा करनी चाहिए। ध्यान रखें कि रुद्राभिषेक करते समय आपका मुंह पूर्व दिशा की तरफ हो। पूजा करने के बाद बरतन में गंगाजल डालकर शिवलिंग पर अर्पित करें। इस दौरान ऊं नम: शिवाय मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। फिर दूध, दही, घी, शहद, गन्ने का रस, इत्र महादेव पर अर्पण करें। इसके बाद महादेव पर सफेद चंदन का लेप बनाकर लगाए। अब भोलेनाथ को पान का पत्ता, अक्षत, अबीर, सुपारी, बेलपत्र, रोली, मौली, भांग, जनेऊ, धतूरा, आक के फूल, भस्म, नारियल आदि उन्हें अर्पित करें और भगवान को फल और मिठाई का भोग लगाएं। अंत में आरती करें और अभिषेक के जल को पूरे घर में छिड़क दें।

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