BJP Retirement Age: नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार 9 जून को पीएम पद की शपथ ली। इस दौरान उनके साथ 71 सांसदों ने भी मंत्री पद की शपथ ली, जिसमें हिंदुस्तान आवामी मोर्चा के जीतन राम मांझी भी शामिल थे, जिन्हें मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में जगह मिली है। अगर मांझी की उम्र की बात करें तो वे इस वक्त 79 साल के हैं। ऐसे में मांझी के शपथ लेते ही सियासी गलियारों में चर्चा है कि क्या बीजेपी का 75+ का फॉर्मूला भी टूट गया है? चलिए जानते हैं पूरा मामला क्या है?
2016 कैबिनेट विस्तार से पहले मांगा था इस्तीफा
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी साल 2014 में सत्ता में आई थी, जिसके बाद बीजेपी ने ज्यादा उम्र के नेताओं को प्रशासनिक पदों पर नियुक्त ना करने का फैसला लिया था, लेकिन जीत के बाद 75 साल से ज्यादा के कई नेताओं को शामिल कर लिया गया था। इसमें लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर और यशवंत सिन्हा को शामिल किया गया था। जुलाई 2016 में मोदी सरकार में कैबिनेट का विस्तार किया गया था, इससे पहले छह मंत्रियों से इस्तीफा मांगा गया था। इन मंत्रियों में 76 साल की नजमा हेपतुल्ला भी शामिल थीं। नजमा हेपतुल्ला उस वक्त मोदी कैबिनेट की सबसे उम्रदराज मंत्री थीं। वो अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री थीं। उनके इस्तीफे के बाद मुख्तार अब्बास नकवी को इस मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। 12 जुलाई 2016 को नजमा हेपतुल्ला ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्हें मणिपुर का राज्यपाल बनाया गया था।
इन मंत्रियों को किया गया था बाहर
वहीं, जिस वक्त नजमा हेपतुल्ला से इस्तीफा लिया गया था, तब मोदी कैबिनेट में कलराज मिश्र भी ऐसे मंत्री थे, जिनकी उम्र 75 साल को पार कर गई थी। हालांकि, उस समय कलराज मिश्र से इस्तीफा नहीं लिया गया था। वो इसलिए क्योंकि अगले ही साल उनके गृह राज्य उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने थे। विधानसभा चुनाव के बाद सितंबर 2017 में उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। तब उन्होंने कहा था कि वो 77 साल के हो चुके हैं, इसलिए इस्तीफा दे रहे हैं।
इस बार बनी है गठबंधन की सरकार
बता दें, साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई थी, लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर पाई, ऐसे में अब केंद्र में गठबंधन की सरकार बनाई गई है।