बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री बिहार के पटना पहुंचे तो बाबा फिर सुर्खियों में आ गए. बाबा का बिहार के पटना में एक धार्मिक आयोजन में आए थे लेकिन बाबा के आते ही इस धार्मिक आयोजन को लेकर राजनीतिक होने लगी. बीजेपी के नेताओं ने बाबा के दरबार में हाजिरी लगाई और साथ ही बाबा का खुलकर समर्थन भी कर दिया. बीजेपी के नेताओं ने जहां बाबा धीरेंद्र शास्त्री के दरबार में हाजिरी लगाई वहीं जेडीयू और आरजेडी के नेताओं ने इस आयोजन से पूरी तरह से दूरी बनाकर रखी. आरजेडी नेता तेजप्रताप यादव ने तो बाबा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और एक डीएसएस नाम की सेना का गठन भी कर लिया था लेकिन बाबा के आयोजन को तेजप्रताप यादव रोक नहीं पाए.
राजनीति तो अपनी जगह ही है लेकिन बाबा के दरबार में भीड़ तो खूब नजर आ रही थी, पटना में हो रहे इस आयोजन में बहुत दूर दूर से लोग आए थे. बीजेपी के सांसद मनोज तिवारी और केंद्रीय मंत्री अशविनी चौबे भी बाबा के दरबार में माथा टेकते हुए नजर आए. वहीं गिरिराज सिंह, रविशंकर प्रसाद, सम्राट चौधरी जैसे बीजेपी के बड़े नेता भी इस आयोजन में शामिल हुए.
इस आयोजन पर आरजेडी-जेडीयू का कहना है कि बाबा के दरबार में अधिकतर सवर्ण समुदाय के लोग आ रहे है वहीं ओबीसी और दलित समुदाय इस आयोजन से दूर है. इस आयोजन के आयोजक भी सवर्ण है. मतलब आरजेडी-जेडीयू ने एक धार्मिक आयोजन को सवर्ण और गैर सवर्ण में बांट दिया. बिहार में बाबा के नाम पर सवर्ण, दलित, ओबीसी की राजनीति चल पड़ी है. बिहार में आरजेडी सवर्ण और गैर सवर्ण की राजनीति करती रही है और इस आयोजन को भी उसने सवर्णों का आयोजन बता दिया है. ऐसा लग रहा है कि इस आयोजन से बीजेपी को फायदा होगा. बिहार विधानसभा के चुनाव 2025 में है उससे पहले 2024 में लोकसभा के चुनाव है, इन लोकसभा के चुनावों को देखते हुए बिहार में राजनीति भी तेज हो गई है और इस आयोजन को लेकर राजनीति भी 2024 के चुनाव के लिए होती दिख रही है.