प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नें जी-20 में आए राष्ट्रध्यक्षों के स्वागत के लिए कोणार्क के ऐतिहासिक सूर्य मंदिर के पहिये की प्रतिकृति वाले स्थान को चुना
विश्व में भारत के ऐतिहासिक महत्व को उजागर किया
PM मोदी ने G20 में सम्मलित हुए राष्ट्राध्यक्षों को भारतीय संस्कृति एंव उत्कृष्ट धरोहर से परिचित कराया । प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय अंदाज में स्वागत करके वैश्विक मंच पर सबका दिल जीत लिया। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ ही ब्राजील के प्रधानमंत्री, फ्रांस के राष्ट्रपति आदि का जिस अंदाज में गले लगाकर और पीठ थप-थपाकर अभिवादन किया। उन्होंने अमेरिकी राष्टपति और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को अपने पीछे लगी कोणार्क के सूर्य मंदिर के पहिये की प्रतिकृति से भी परिचित कराया।
कोणार्क के ऐतिहासिक सूर्य मंदिर के पहिये की प्रतिकृति वाले स्थान को चुनने का कारण
कोणार्क के सूर्य मंदिर को 13वीं शताब्दी ईस्वी में पूर्वी गंग राजवंश के राजा नर¨सह देव प्रथम ने बनवाया था।इस चक्र में 24 तीलियां हैं, जो कि भारत के राष्ट्रीय ध्वज में भी दिखाई देती हैं।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चक्र की 24 तीलियां भगवान विष्णु के 24 अवतारों को दर्शाती हैं तो वहीं दूसरी मान्यताओं के अनुसार ये तीलियां 24 अक्षरों वाले गायत्री मंत्र को भी प्रदर्शित करती हैं। ऐसी मान्यता है कि मंदिर के वास्तुकारों ने धूपघड़ी बनाने के लिए खगोल विज्ञान के अपने ज्ञान का इनमें उपयोग किया था। इसका डिजाइन जटिल गणितीय गणनाओं पर आधारित है, जो पृथ्वी के घूमने, सूरज, चांद और सितारों की गतिविधियों को ध्यान में रखता है। यह पूरे दिन और पूरे साल सूरज की गति को ट्रैक कर सकता है।