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कर्नाटक में क्यों हारी BJP?


कर्नाटक के चुनावों में बीजेपी को जोर का झटका जोर से लगा है. वहीं कर्नाटक के नतीजों से बेदम नजर आ रही कांग्रेस में नई जान आ गई है. कर्नाटक में कांग्रेस की नैया बजरंग दल ने पार लगा दी लेकिन बजरंग बली बीजेपी की नैया को डूबने से बचा नहीं सके. कर्नाटक में दो समुदाय किसी भी पार्टी की सत्ता बना सकते है और वो समुदाय है लिंगायत और वोक्कालिगा. लिंगायत समुदाय कर्नाटक में 17 प्रतिशत है वहीं वोक्कालिगा समुदाय 12 प्रतिशत से भी ज्यादा है. इन चुनावों में इन दोनों समुदाओं ने बीजेपी के साथ साथ कांग्रेस को भी वोट दिया. बीजेपी ने इन चुनावों में लिंगायत समुदाय से ताल्लुक रखने वाले येदियुरप्पा को साइड लाइन किया जिससे नाराज कुछ लिंगायत समुदाय का वोट कांग्रेस में चला गया. कांग्रेस के 136 विधायको में 39 विधायक ऐसे है जो लिंगायत समुदाय के है वहीं कांग्रेस के 21 विधायक वोक्कालिगा समुदाय के है, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने मुस्लिमों, दलितों और ओबीसी समुदाय को पूरी तरह से अपनी तरफ कर लिया.
इन चुनावों में बीजेपी के 14 मंत्री भी चुनाव हारे तो इस बार सत्ता विरोधी लहर थी जिसका अनुमान बीजेपी चुनाव से पहले नहीं लगा पाई जिसका खामियाजा बीजेपी को कर्नाटक की सत्ता गवां कर भुगतना पड़ा. बीजेपी के पास कोई बड़ा चेहरा भी नहीं होना बीजेपी को भारी पड़ गया कांग्रेस के डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के सामने बीजेपी के बोम्मई कहीं नहीं टिक सके. बोम्मई अपने सीएम रहने के दौरान भी कुछ खास प्रभाव नहीं डाल पाए थे.
कर्नाटक के चुनावों में कांग्रेस ने भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बनाया और कहीं ना कहीं जनता में ये मैसेज गया कि बीजेपी की सरकार में भ्रष्टाचार हुआ था जिससे जनता ने बीजेपी की जगह कांग्रेस को वोट दिया.
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा, उसके बाद अपनी संसद सदस्यता जाने के बाद भी आक्रामक तेवर बरकरार रखने से राहुल की लोकप्रयिता तो बढ़ी ही है साथ ही कांग्रेस में भी एक नई जान पड़ी है.
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी कांग्रेस के लिए शानदार काम किया है, खड़गे ने कांग्रेस के लिए प्रभावशाली नेतृत्व किया है. खड़गे के रूप में कांग्रेस को शानदार अध्यक्ष मिला है.
दक्षिण भारत में वैसे भी बीजेपी के पास ज्यादा कुछ नहीं था अब कर्नाटक के जाने के बाद बीजेपी की झोली कर्नाटक में खाली ही नजर आ रही है. इन दोनों की मेहनत भी कर्नाटक में कांग्रेस के शानदार प्रदर्शन का एक कारण रहा.

 


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