जब से उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार है, आजम खान की मुश्किले लगातार बढ़ती जा रही है. अंतिम चोट के रूप में आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम की सदस्यता रद्द हो गई थी. ये आजम खान के लिए बहुत बड़ा झटका था अपने बेटे अब्दुल्ला आजम की स्वार सीट से सदस्यता जाने के बाद आजम खान को बहुत बड़ा झटका लगा था. अब्दुल्ला आजम की सदस्यता उनकी जन्मतिथि में गड़बड़ी के चलते रद्द की गई थी. वहीं आजम खान की विधानसभा सदस्यता हेट स्पीच मामले में 3 साल की सजा होने के बाद रद्द हो गई थी. सपा के शासन के समय आजम खान की यूपी में तूती बोलती थी, सरकार का कोई भी बड़ा फैसला आजम खान के बिना सहमति के नहीं होता था.
आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम अभी कोई चुनाव लड़ नहीं सकते वहीं आजम खान की पत्नी तंजीन फातिमा भी खराब सेहत के कारण सियासत से बहुत दूर हैं. आजम खान के बड़े बेटे और बहू, सियासी रूप से सक्रिय नहीं है. ऐसा लग रहा कि स्वार उपचुनाव में भी आजम के परिवार से बाहर का व्यक्ति ही चुनाव लड़ेगा, रामपुर लोकसभा और विधानसभा में आजम ने अपने परिवार से बाहर के व्यक्ति को ही चुनाव लड़वाया था.
उत्तर प्रदेश में 10 मई को रामपुर की स्वार और सोनभद्र की छानबे सीट पर उपचुनाव होना है. स्वार सीट से विधायक अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता चली गई थी वहीं छानबे विधानसभा के विधायक राहुल कोल का निधन हो गया था. राहुल कोल अपना दल (एस) से विधायक थे. आजम अगर यहां अपने आदमी को चुनाव जीतवा नहीं पाते है तो ये कहा जा सकेगा कि आजम युग का अब अंत हो गया है.