अशोक गहलोत ने अपनी विरोधी वसुंधरा राजे को लेकर एक ऐसा बयान दिया है जिससे वसुंधरा राजे की अपनी पार्टी के प्रति वफादारी पर ही सवाल उठ गए हैं. राजस्थान के धौलपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि राज्य में भैरोसिंह शेखावत की सरकार थी और मै कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष था. तब उन्होंने बीजेपी की सरकार को गिराने की कोशिश का समर्थन करने से इनकार कर दिया था. अशोक गहलोत ने कहा कि इसी तरह का काम वसुंधरा राजे और मेघवाल ने भी किया. 2020 में कांग्रेस नेता सचिन पायलट की अगुवाई में 18 विधायकों ने गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत कर दी थी तब बीजेपी की वसुंधरा राजे ने उनकी सरकार बचाई थी. गहलोत की माने तो तब वसुंधरा राजे के कहने पर ही धौलपुर की बीजेपी विधायक शोभारानी कुशवाह ने उनका समर्थन किया था जिससे उनकी सरकार बची थी.
गहलोत ने ये बयान क्या दिया वसुंधरा राजे के लिए मुश्किले खड़ी हो गई है. वसुंधरा राजे की पार्टी के प्रति वफादारी पर सवाल उठने शुरू हो गए. वसुंधरा राजे ने अपना बचाव करते हुए कहा कि गहलोत झूठ बोल रहे हैं, गहलोत 2023 में होने वाली हार से डरकर ये झूठ बोल रहे हैं. वसुंधरा राजे ने गहलोत के इस बयान को अपने खिलाफ साजिश बता दिया. बताइए तारीफ ही भारी पड़ गई वसुंधरा राजे पर. हर कोई अपनी तारीफ सुनना चाहता है. ये तारीफ अगर आपका कोई विरोधी करे तो कहा जाता है कि वाकई कुछ अच्छा काम किया होगा, वैसे राजनीति में नैतिकता कम ही दिखती है लेकिन वसुंधरा राजे ने तो अपनी इस नैतिकता को मानने से ही इंकार कर दिया उल्टा गहलोत पर झूठ बोलने, साजिश करने का आरोप लगा दिया. इस साल ही राजस्थान में विधानसभा के चुनाव होने है तो गहलोत के इस बयान के सियासी मायने जरूर है गहलोत ने चाहे वसुंधरा राजे की तारीफ की हो या साजिश उनके इस बयान ने वसुंधरा राजे के लिए मुश्किले तो खड़ी कर दी है. भाजपा में वसुंधरा राजे के विरोधी गुट के लिए ये बयान आगे बड़ा हथियार बन सकता है.