अयोध्या मंदिर में रामलला के भव्य ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में कुछ हि दिन शेष बचे है । इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में भगवान के लिए बनाए गए वस्त्र चढ़ाने के कार्यक्रम में भाग लिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या ‘राम’ के नाम पर संकीर्तन की भावपूर्ण धुनों से गूंजेगी, मिट्टी के दीपक जलाए जाएंगे और जहां कभी गोलियां चली थीं, वहां दीपोत्सव मनाया जाएगा।
मंगलवार को शहर में एक कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि शहर को अयोध्या क्यों कहा जाता है? इसकी सदियों पुरानी परंपराएं क्यों हैं? यहां तक कि हमारे वेदों में भी अयोध्या के गौरवशाली संदर्भ हैं। यदि आप हमारी पारंपरिक मान्यताओं में रुचि पैदा करते हैं तो आज शहर में रखी गई हर ईंट में आप उनकी गूंज महसूस करेंगे। अयोध्या अब भक्तों के लिए दर्शन के लिए खोली जाएगी। अब श्री अयोध्या धाम की सड़कों पर गोलियां नहीं चलेंगी। अब अयोध्या विसर्जन करेगी और त्योहारों में शामिल होगी। यहां दैनिक जीवन अब कर्फ्यू से प्रतिबंधित नहीं होगा। सीएम योगी ने कहा कि राम नाम के संकीर्तन के मधुर और भावपूर्ण स्वर सड़कों पर गूंजेंगे।
भव्य राम मंदिर के सपने को साकार करने में मदद करने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए सीएम ने कहा कि हम राम मंदिर के उद्घाटन की गिनती कर रहे हैं, मैं प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति अपना आभार व्यक्त करना चाहता हूं। जो संघर्ष के दौरान हर कदम पर साथ थे। और यह उनके अथक प्रयास और मार्गदर्शन का ही परिणाम है कि 500 वर्षों से अधिक का यह इंतजार आखिरकार समाप्त हो रहा है।
22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन करने वाले प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को कहा कि भगवान राम के जीवन का विस्तार और उनकी प्रेरणा भक्ति से कहीं आगे है। भगवान राम का विस्तार सामाजिक जीवन में सुशासन का प्रतीक है। पीएम मोदी ने अपने भाषण में रामायण का कई संदर्भ देते हुए कहा कि पूरा देश राममय है। पूरा देश राममय है। भगवान राम के जीवन का दायरा उनकी प्रेरणा और आस्था भक्ति से कहीं आगे तक फैली हुई है। भगवान राम सामाजिक जीवन में सुशासन के प्रतीक हैं।
अयोध्या में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए वैदिक अनुष्ठान मुख्य समारोह से एक सप्ताह पहले मंगलवार को शुरू हो गए। प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को दोपहर 1 बजे तक समाप्त होने की उम्मीद है। कार्यक्रम में पीएम मोदी और अन्य गणमान्य व्यक्ति समारोह के बाद अपने विचार व्यक्त करेंगे। परंपरा के अनुसार नेपाल के जनकपुर और मिथिला के इलाकों से 1,000 टोकरियों में उपहार आये हैं। 20 और 21 जनवरी को रामलला के दर्शन जनता के लिए बंद रहेंगे।