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लोकसभा चुनाव 2024 का लाउडस्पीकर थमा, बंगाल, बिहार, UP कौन जीतेगा?

लोकसभा चुनाव के प्रचार का भोंपू बंद हो चुका है। आखिरी चरण की सियासी जंग बहुत हाईवोल्टेज है। पश्चिम बंगाल और पूर्वी उत्तर प्रदेश का सियासी पारा तो इतना गर्म हो गया है कि यहां मौसम की गर्मी भी उससे कमजोर लग रही है। पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री मोदी कह रहे हैं कि इस बार बंगाल बीजेपी के लिए बेस्ट परफॉर्मर रहेगा, तो यूपी में अखिलेश यादव कह रहे हैं कि अब वे यूपी की सभी 80 में अस्सी सीटें जीतने जा रहे हैं।
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Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के प्रचार का भोंपू बंद हो चुका है। आखिरी चरण की सियासी जंग बहुत हाईवोल्टेज है। पश्चिम बंगाल और पूर्वी उत्तर प्रदेश का सियासी पारा तो इतना गर्म हो गया है कि यहां मौसम की गर्मी भी उससे कमजोर लग रही है। पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री मोदी कह रहे हैं कि इस बार बंगाल बीजेपी के लिए बेस्ट परफॉर्मर रहेगा, तो यूपी में अखिलेश यादव कह रहे हैं कि अब वे यूपी की सभी 80 में अस्सी सीटें जीतने जा रहे हैं।

आखिरी चरण के चुनाव को लेकर देश भर में सियासी पारा बेहद गर्म है। अब चुनाव अपने अंतिम चरण में हैं, लेकिन राजनीतिक दलों के तीखे बयानों की गर्मी पहले के 6 चरणों से ज्यादा तेज हो गई है। पश्चिम बंगाल में TMC और BJP के नेताओं के बीच आर-पार की सियासी जंग है। दोनों की दलों के नेता एक दूसरे के खिलाफ जबरदस्त बयानबाजी कर रहे हैं। आखिरी चरण के चुनाव से पहले PM मोदी ने पश्चिम बंगाल में TMC को लेकर अब तक का सबसे बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद ममता बनर्जी की मिट्टी पलीत होने वाली है। 2024 में बीजेपी के लिए बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट कोई होगा तो वो पश्चिम बंगाल होने वाला है। मोदी कह रहे हैं इस चुनाव में TMC बंगाल में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। इस चुनाव के बाद उनका कोई नामलेवा नहीं रहेगा।

ममता बनर्जी भी प्रधानमंत्री के हमलों का अपने अंदाज में जवाब दे रही हैं। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी कह रही हैं कि TMC बंगाल से CPM को उखाड़कर फेंक सकती है तो बीजेपी किस खेत की मूली है। हम बीजेपी को भी उखाड़कर फेंक देंगे।

ममता बनर्जी अपने हर भाषण में अपने अलग अंदाज में पीएम मोदी पर निशाना साधती हैं। आपको बता दें कि बंगाल में लोकसभा की 9 सीटों पर चुनाव अभी भी बाकी है। प्रधानमंत्री मोदी अपनी हर रैली में ममता बनर्जी की सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि बंगाल में आरक्षण की खुली लूट हो रही है। मुसलमानों के फर्जी OBC प्रमाणपत्र बनाए जा रहे हैं।

वहीं, ममता बनर्जी अपनी रैलियों में प्रधानमंत्री को पिछले विधानसभा चुनावों की याद दिला रही हैं और पीएम के हमलों का पूरी ताकत से जवाब दे रही हैं। ममता कह रही हैं कि बंगाल में किसी भी हालत में बांटने की राजनीति नहीं चलेगी।

पश्चिम बंगाल के अलावा यूपी की 13 लोकसभा सीटों पर भी 1 जून को आखिरी चरण में चुनाव है। जहां वाराणसी और गोरखपुर को छोड़कर हर सीट पर कांटे की टक्कर मानी जा रही है। यूपी के नेता भी सियासी समीकरण बदलने में लगे हैं। आख़िरी चरण में विपक्ष के इंडिया गठबंधन ने भी आख़िरी दांव चल दिया गया है। अखिलेश यादव तो अब कह रहे हैं कि यूपी में मुकाबला 80-80 का है। अखिलेश सातवें चरण तक यूपी की 80 सीटें जीतने का दम भर रहे थे। अब कह रहे हैं कि क्योटो यानी काशी में भी वे जीतने वाले हैं।

लोकसभा चुनाव के 7वें और आखिरी चरण में पूर्वांचल की 13 सीटों पर 1 जून को मतदान होना है और जहां-जहां यूपी में आखिरी चरण में वोटिंग होनी है। उन सीटों में PM मोदी का संसदीय क्षेत्र काशी और CM योगी की कर्मभूमि गोरखपुर भी शामिल है। ऐसे में BJP को देश में मिशन 400 पार को सफल बनाने के लिए UP में हर हालात में मिशन 80 को हक़ीक़त में तब्दील करना ही पड़ेगा, नहीं तो 400 पार का सपना चकनाचूर हो सकता है। जब देश के सबसे बड़े सूबे में दोनों सबसे बड़े गठबंधन मिशन 80 का दावा कर रहे हों तो ये समझना कठिन हो जाता है कि आखिर किसके मिशन 80 पर ग्रहण लगने वाला है।

दरअसल सत्ता पक्ष हो या फिर विपक्ष दोनों सियासी खेमों को अगर सच में अपने मिशन 80 को सफल बनाना है तो आखिरी चरण की सभी सीटों पर जीत हासिल करनी होगी। 7 वें चरण में पूर्वांचल की जिन सीटों पर चुनाव होना है, उनमें शामिल हैं महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर और रोबर्ट्सगंज। इन सीटों के वर्तमान समीकरण को समझने से पहले आपको 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर नज़र डालनी होगी। दरअसल, जिन 13 सीटों पर 1 जून को मतदान है 2019 में उन 13 सीटों में से BJP ने सिर्फ 9 सीटें जीती थीं और दो सीटें BJP के सहयोगी अपना दल-S ने जीती थीं, जबकि गाजीपुर और घोसी सीट BSP के खाते में गई थी, क्योंकि SP-BSP दोनों दल 2019 में साथ थे, तो माना जा सकता है घोसी और गाज़ीपुर की जीत में सपा की बड़ी भूमिका रही होगी, लेकिन इस बार दोनों अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं। जबकि सपा-कांग्रेस INDIA के बैनर तले मिलकर मैदान में उतरे हैं, तो वहीं बीजेपी ने ओम प्रकाश राजभर की सुभासपा, अनुप्रिया पटेल की अपना दल S और संजय निषाद की निषाद पार्टी से हाथ मिला रखा है।

इन सभी सहयोगियों के सहारे BJP काफी हदतक जातिगत समीकरणों को साधने में लगी हुई है। PM मोदी विपक्ष पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं और विपक्ष की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं, तो दूसरी ओर अखिलेश यादव और राहुल गांधी भी पीछे नहीं है और BJP की एक-एक नीति और एक एक नेताओं के बयानों को सवालों के कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में मुकाबला दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है। ऐसे में यूपी किसका मिशन-80 सफल होगा। इसमें पूरे देश की दिलचस्पी बनी हुई है। यूपी के पूर्वांचल की बाकी 13 सीटों पर जातीय समीकरण हावी हैं तो बंगाल में ममता बनर्जी की सियासी ताकत को कोई नजरंदाज नहीं कर सकता है।

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