प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज अबूधाबी में पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन करेंगे। यह उनकी अबूधाबी की सातवी यात्रा है। इस यात्रा में प्रधानमंत्री ने भारत और यूएई के क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर विकासो से जुड़े सभी मुद्दो पर यूएई के राष्ट्रपति से चर्चा की। साथ ही दोनों देशो ने 10 भारत-मध्य पूर्व आर्थिक गलियारा (IMEC) समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
प्रधानमंत्री के स्वागत में पहुंचे यूएई के राष्ट्रपति
प्रधानमंत्री के इस यात्रा के बारे में बात करते हुए विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने बताया कि नरेन्द्र मोदी कल यूएई पहुंच चुके है। यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान नरेन्द्र मोदी के स्वागत में एयरपोर्ट पहुंचे, असके बाद दोनों देशो के मंत्रीयों ने भारत और यूएई के संबधो के साथ-साथ दोनों देशो के क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर विकासो से जुड़े सभी मुद्दो पर बातचीत की।
जीवन कार्ड की हुई शुरुआत
यूएई की इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत और यूएई के बीच वित्तीय क्षेत्र सहयोग के लिए शुरु किए गए जीवन कार्ड पर यूएई के राष्ट्रपति को बधीईयां दी। भारत के प्रधानमंत्री ने जीवन कार्ड द्वारा किए गए लेन-देन को सराहनीय बताया।
यूएई ने किया अहलान मोदी कार्यक्रम
विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने बताया कि कल शाम यूएई के जायद स्पोर्ट्स स्टेडियम में अहलान मोदी कार्यक्रम कीया गया। इस कार्यक्रम में 40,000 से भी ज्यादा लोगों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम के दौरान नरेंन्द्र मोदी ने भारतीय समुदाय को संबोधित किया तथा मंदिर के लिए भूमी देने के लिए यूएई के राष्ट्रपति का धन्यवाद किया।
भारत-मध्य पूर्व आर्थिक गलियारा समझौता (IMEC)
विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने आगे बताया कि दिल्ली में जी 20 शिखर बैठक के दौरान ही भारत-मध्य पूर्व आर्थिक गलियारा (IMEC) शुरू किया गया था। IMEC दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने का काम करेगी। साथ ही इस समझौते की मदद से विशेष क्षेत्र में किस तरह सहयोग को बढ़ाया जाए इसकी भी जानकारी प्राप्त होगी। इस समझौते का एक उद्देश्य यह देखना है कि यह कितनी जल्दी संचालित होता है, और दुसरा यह कि इसमें शामिल पक्षों के बीच अधिक मजबूत, गहरी, व्यापक क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के मुख्य उद्देश्य को लाभ पहुंचाता है।
क्या हैं भारत-मध्य पूर्व आर्थिक गलियारा समझौता (IMEC) ?
भारत-मध्य पूर्व आर्थिक गलियारा एक योजनापूर्ण आर्थिक गलियारा है। इसका उद्देशय एशिया, फारस की खाड़ी और यूरोप के बीच कनेक्टिविटी और आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देकर आर्थिक विकास को बढ़ाना है। यह गलियारा भारत से संयुक्त अरब एमीरात, सऊदी अरब, जार्डन, इजराइल ग्रीस और यूरोप तक प्रस्तावित है।
इस्राइल-फलस्तीन युद्ध और लाल सागर की स्थिती बनी चर्चा का केन्द्र
विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने इस्राइल-फलस्तीन युद्ध और लाल सागर की स्थिती पर कहा कि दोंनो देशो के नेताओं के बीच इस्राइल-फलस्तीन युद्ध और लाल सागर की स्थिती का मुद्दा चर्चा का केन्द्र रहा। इस्राइल-फलस्तीन युद्ध और लाल सागर की स्थिती का मुद्दा एक ऐसा क्षेत्र है जो भारत सहित पूरे विश्व में व्यापक ऊर्जा सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।