मालदीव, भारत सरकार से मदद की गुहार लगा रहा है। मालदीव की अर्थव्यवस्था पर भारतीय पर्यटक ना जाने की वजह से असर पड़ रहा है। भारतीय पर्यटकों को लुभाने के लिए पड़ोसी मुल्क मालदीव भारतीय शहरों में रोड शो आयोजित करने की योजना बना रहा। कुछ समय पहले मालदीव सरकार में तीन मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी की थी। जिसके बाद भारत ने मालदीव का बहिष्कार कर दिया था। इसको लेकर अब मालदीव की आर्थिक व्यवस्था पर असर पड़ रहा है। एक वक्त था जब मालदीव जाने वाले पर्यटकों में भारत नंबर वन पर आता था। मालदीव की अर्थव्यवस्था पर भारतीय पर्यटकों का काफी असर था।
नए आंकड़ों के अनुसार, भारत पहले नंबर वन पर था तो वहीं जनवरी के बाद पहले से पांचवें और अब छठे स्थान पर आ गया है। मालदीव सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, इस साल 10 अप्रैल तक आने वाले कल 6,63,269 पर्यटकों में से 77,9,95 के साथ चीन नंबर वन पर है। तो वहीं दूसरे स्थान पर यूनाइटेड किंगडम है। तीसरे नंबर पर रुस, चौथे नंबर पर इटली और पांचवें नंबर पर जर्मनी है। तो वहीं भारत छठे स्थान पर है।
मालदीव के एक समाचार पोर्टल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, माले ( मालदीव की राजधानी) में भारतीय उच्चायोग में आयोजित एक बैठक हुई। इस बैठक में मालदीव की तरफ से पर्यटकों को बढ़ावा देने के लिए बात की गई। बताया जा रहा है कि आने वाले कुछ समय में भारतीय शहरों में मालदीव की तरफ से रोड शो शुरू किया जाएगा। आने वाले कुछ ही महीनों में मालदीव में इनफ्लुएंसर और मीडिया परिचितों को यात्रा सुविधा प्रदान करने की योजना पर काम चल रहा है।
आपको जानकारी दे दें, सोशल मीडिया पर मालदीव के एक मंत्री और कुछ अन्य नेताओं ने लक्षद्वीप के एक प्राचीन समुद्र तट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक वीडियो पोस्ट करने के बाद उनके खिलाफ कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियां की थी। इसके बाद विवाद इतना बड़ा की राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू ने तीन मंत्रियों को उनकी सोशल मीडिया पोस्ट के बाद निलंबित कर दिया। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद को चीन का समर्थक माना जाता है। एक बार उन्होंने कहा था कि नवंबर में राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद वह भारतीय सैनिकों को देश से बाहर निकलने का अपना चुनावी वादा पूरा करेंगे।