Iraq Parliament: इराक की संसद में शुक्रवार को विवादास्पद विधेयक पेश किया गया। इस विधेयक में लड़की और लड़कों की विवाह की आयु में बदलाव किया जा सकता है। इसके तहत लड़कियों के लिए विवाह की कानूनी आयु को घटाकर 9 वर्ष तथा लड़कों के लिए 15 वर्ष करने का प्रस्ताव रखा गया है।
यह विधेयक नागरिकों को पारिवारिक मामलों पर निर्णय लेने के लिए धार्मिक प्राधिकारियों या सिविल न्यायपालिका में से किसी एक को चुनने की अनुमति देगा, जिससे व्यापक चिंताएं पैदा हो गई हैं कि इसका उपयोग उत्तराधिकार, बाल हिरासत और तलाक से संबंधित कानूनी कार्यवाही को कमजोर करने के लिए कैसे किया जा सकता है।
इसमें स्पष्ट परिवर्तन भयावह पहलू है
देश में व्यक्तिगत स्थिति कानून के तहत विवाह की कानूनी आयु 18 वर्ष निर्धारित की गई है; इस विधेयक से इसमें स्पष्ट परिवर्तन हो सकता है, जो इस प्रस्ताव का सबसे भयावह पहलू है।
इससे देश आगे नहीं बल्कि पीछे जाएगा- सारा सनबार
वहीं, ह्यूमन राइट्स वॉच की शोधकर्ता सारा सनबार ने एक समाचार एजेंसी को दिए साक्षात्कार में कहा, इस कानून के पारित होने से यह पता चलेगा कि देश आगे नहीं, बल्कि पीछे की ओर जा रहा है। इससे पहले सनबार के संगठन ने इस वर्ष के प्रारंभ में चेतावनी दी थी कि इराक में धार्मिक नेता वर्तमान कानून का उल्लंघन करते हुए प्रतिवर्ष हजारों अपंजीकृत विवाह कराते हैं, जिनमें बाल विवाह भी शामिल है।
इराक में बाल विवाह सदियों से चिंता का विषय
इराक में बाल विवाह सदियों से चिंता का विषय रहा है। यूनिसेफ के अनुसार, 20 से 24 वर्ष की आयु की 28 प्रतिशत महिलाओं की शादी 18 वर्ष की आयु से पहले हो गई थी। इसके अलावा, इनमें से 7 प्रतिशत महिलाओं की शादी 15 वर्ष की आयु से पहले हो गई थी।
पहले भी हो चुका है वापस
जुलाई के अंत में सांसदों के विरोध के बाद इस प्रस्ताव को संसद से वापस ले लिया गया था। 4 अगस्त को इसे शिया गुटों के समर्थन से फिर से पेश किया गया, जिनका इराक में काफी प्रभाव है।