Tirupati Temple Laddu Controversy: आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के ‘लड्डू प्रसादम’ में इस्तेमाल की जाने वाली घी को लेकर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। दावा किया जा रहा है कि प्रसाद के रूप में दिए जा रहे इन लड्डुओं में जानवरों की चर्बी है। अब इस मिलावटी लड्डू विवाद पर तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि इस पवित्र प्रसाद की शुद्धता बहाल कर दी गई है।
शुक्रवार रात सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में तिरुमला पर्वत पर स्थित श्री वेंकेटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंधन करने वाले TTD ने जानकारी दी कि श्रीवारी लड्डू की पवित्रता में अब कोई दोष नहीं है।
TTD ने एक लैब की रिपोर्ट का हवाला दिया और कहा कि घी में ‘चर्बी’ और दूसरी अशुद्धियां पायी गई हैं। TTD के कार्यकारी अधिकारी जे. श्यामला राव ने बताया कि लैब टेस्ट में नमूनों में पशु वसा और चर्बी के होने की पुष्टी हुई है। अब बोर्ड इस ‘मिलावटी’ घी की सप्लाई करने वाले ठेकेदार को ‘ब्लैकलिस्ट’ करेगा।
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कर्नाटक सरकार ने उठाया यह कदम
कर्नाटक के मुजराई मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कहा कि उन सभी मंदिरों में, जिनमें प्रसाद बनाने के लिए नंदिनी घी का इस्तेमाल नहीं होता है, उन्हें अब नंदिनी घी का इस्तेमाल करने के लिए कहा जाएगा। ऐसा करने से श्रद्धालुओं को सेफ और अच्छी क्वालिटी का प्रसाद मिल पाएगा।
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रेड्डी ने आगे कहा, ‘लोगों के मन में तिरुपति विवाद (Tirupati Temple Laddu Controversy) के बाद कर्नाटक के मंदिरों में दिए जाने वाले प्रसाद को लेकर भी संदेह उठ रहा होगा। इस तरह की आशंका या चिंता को दूर करने के लिए मैसूर के लैब में हमने उनकी जांच कराने का निर्णय लिया है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वह अब से सिर्फ नंदिनी घी का ही इस्तेमाल करें। प्रसाद में इस्तेमाल होने वाली चीजों की शुद्धता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।’