Swami Saradananda Maharaj Passes Away: रामकृष्ण मठ और मिशन के प्रमुख स्वामी सारदानंद महाराज का 95 वर्ष की आयु में मंगलवार को निधन हो गया। उम्र संबंधी बीमारियों के चलते उन्हें 29 जनवरी से अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
सेप्टीसीमिया भी हो गया था
स्वामी सारदानंद महाराज स्वामी आत्मस्थानंद के निधन के बाद रामकृष्ण मठ और मिशन के 16वें अध्यक्ष बने थे। उन्हें 29 जनवरी को यूरिन इंफेक्शन के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उनकी हालत बिगड़ी और उन्हें सेप्टीसीमिया हो गया, जिसके चलते 3 मार्च को उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। डॉक्टरों के अनुसार उन्हें किडनी की समस्या भी थी।
स्वामी सारदानंद महाराज का जन्म 1929 में तमिलनाडु के थंजावुर में हुआ था और वह 1952 में 22 वर्ष की आयु में रामकृष्ण मिशन में शामिल हुए थे।
पीएम ने जताया शोक
हाल ही में पश्चिम बंगाल दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अस्पताल में स्वामी सारदानंद महाराज से मुलाकात की थी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी उनसे अस्पताल में मुलाकात की थी।
उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक पोस्ट में कहा, “श्रीमत् स्वामी सारदानंद जी महाराज, रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन के अध्यक्ष ने अपना जीवन आध्यात्मिकता और सेवा में समर्पित कर दिया। उन्होंने असंख्य दिलों और मस्तिष्कों पर अमिट छाप छोड़ी है।”
Srimat Swami Smaranananda ji Maharaj, the revered President of Ramakrishna Math and Ramakrishna Mission dedicated his life to spirituality and service. He left an indelible mark on countless hearts and minds. His compassion and wisdom will continue to inspire generations.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 26, 2024
I had… pic.twitter.com/lK1mYKbKQt
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “मेरे उनके साथ वर्षों से बहुत करीबी संबंध रहे हैं। मुझे 2020 में बेलूर मठ की अपनी यात्रा याद आती है, जब मैंने उनसे बातचीत की थी। मैं उनसे मिलने कोलकाता में अस्पताल भी गया था। बेलूर मठ के भक्तों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। ओम शांति।”
ममता बनर्जी ने भी शोक व्यक्त किया
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और एक पोस्ट में कहा, “श्रीमत् स्वामी सारदानंदजी महाराज, रामकृष्ण मठ और मिशन के अध्यक्ष के आज रात निधन की खबर सुनकर गहरा दुख हुआ। उन्होंने अपने जीवनकाल में रामकृष्ण संप्रदाय को आध्यात्मिक नेतृत्व दिया है। मैं उनके फॉलोअर्स और भक्तों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं।”