President Droupadi Murmu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 78वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि इस साल की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनाव मानव जाति द्वारा देखा गया सबसे बड़ा चुनावी अभ्यास रहा। भारत द्वारा चुनावों का सफल संचालन दुनिया भर में लोकतांत्रिक ताकतों को मजबूत करता है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने 78वें स्वतंत्रता दिवस की लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि देश के लोग भारत को वैश्विक मंच पर अपना सही स्थान दिलाने के मिशन पर हैं।
इस तरह के विशाल आयोजन के सुचारू और दोषरहित संचालन के लिए भारत के चुनाव आयोग को बधाई दी जानी चाहिए। मैं सभी अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों को धन्यवाद देती हूं, जिन्होंने गर्मी का सामना किया और मतदाताओं की मदद की।
#WATCH | On the eve of Independence Day, President Droupadi Murmu says "As general elections were held in our country this year, the number of eligible voters stood at nearly 97 crore. This was a historic record, making it the largest electoral exercise humankind has ever… pic.twitter.com/4VzN6hvQPu
— ANI (@ANI) August 14, 2024
राष्ट्रपति ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में तिरंगा फहराते देखना एक रोमांचकारी अनुभव है। मैं आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं। मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि राष्ट्र 78वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाने की तैयारी कर रहा है। इस अवसर पर तिरंगा फहराते देखना, चाहे वह लाल किले पर हो, राज्य की राजधानियों में हो या स्थानीय इलाकों में, हमेशा हमारे दिलों को रोमांचित करता है।
ऱाष्ट्रपति ने कहा कि यह 1.4 बिलियन से अधिक भारतीयों के साथ हमारे महान राष्ट्र का हिस्सा होने की खुशी की अभिव्यक्ति है। जिस तरह हम अपने परिवारों के साथ विभिन्न त्योहार मनाते हैं, उसी तरह हम स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस को अपने परिवार के साथ मनाते हैं।
राष्ट्रपति ने स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों को याद किया और कहा कि देशभक्त और बहादुर आत्माओं ने बहुत जोखिम उठाया और सर्वोच्च बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय ध्वजारोहण समारोहों में भाग लेते हैं, देशभक्ति के गीत गाते हैं, मिठाइया बांटते हैं और छोटे बच्चे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।
उन्होंने कहा, “जब हम उन्हें हमारे महान राष्ट्र और इसके नागरिक होने के विशेषाधिकार के बारे में बात करते हुए सुनते हैं, तो हम उनके शब्दों में हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा कही गई बातों की प्रतिध्वनि पाते हैं। तब हमें एहसास होता है कि हम उस श्रृंखला का हिस्सा हैं जो स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वालों के सपनों और उन लोगों की आकांक्षाओं को जोड़ती है जो आने वाले वर्षों में राष्ट्र को अपना पूरा गौरव प्राप्त करते हुए देखेंगे।”
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “यह महसूस करना कि हम इतिहास की इस शृंखला की कड़ी हैं, विनम्र करने वाला है। यह हमें उन दिनों की याद दिलाता है जब राष्ट्र विदेशी शासन के अधीन था। देशभक्त और बहादुर आत्माओं ने बहुत जोखिम उठाया और सर्वोच्च बलिदान दिए। हम उनकी स्मृति को नमन करते हैं। उनके अथक परिश्रम के कारण, भारत की आत्मा सदियों की सुस्ती से जाग उठी। विभिन्न परंपराएँ और मूल्य जो सतह के नीचे जीवित रहे, उन्हें महान नेताओं की कई पीढ़ियों में नई अभिव्यक्ति मिली।”
राष्ट्रपति ने कहा, “परंपराओं और उनकी अभिव्यक्तियों की विविधता को एकजुट करने वाले राष्ट्रपिता और हमारे मार्गदर्शक महात्मा गांधी थे। साथ ही, सरदार पटेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह और चंद्रशेखर आज़ाद जैसे कई क्रांतिकारी भी शामिल थे।”
On the eve of Independence Day, President Droupadi Murmu says "Unifying the diversity of traditions and their expressions was Mahatma Gandhi, Father of the Nation and our lodestar. Alongside, there were great leaders like Sardar Patel, Netaji Subhas Chandra Bose and Babasaheb… pic.twitter.com/WC6n52w8MY
— ANI (@ANI) August 14, 2024
राष्ट्रपति ने कहा कि सभी समुदायों ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया, जो एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन था। उन्होंने कहा कि आदिवासियों में तिलका मांझी, बिरसा मुंडा, लक्ष्मण नायक और फूलो-झानो थे, जिनके बलिदान की अब सराहना हो रही है।
राष्ट्रपति ने कहा कि देश ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाना शुरू कर दिया है और अगले साल उनकी 150वीं जयंती का जश्न राष्ट्रीय पुनर्जागरण में उनके योगदान को और अधिक सम्मानित करने का अवसर होगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि देश 14 अगस्त को विभाजन की भयावहता को याद करने के लिए विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मना रहा है। जब महान राष्ट्र का विभाजन हुआ, तो लाखों लोगों को मजबूरन पलायन करना पड़ा, लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई।
राष्ट्रपति ने कहा कि देश संविधान की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस बात पर गौर करते हुए कि नए स्वतंत्र राष्ट्र की यात्रा बाधाओं से रहित नहीं रही है। न्याय, समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व के संवैधानिक आदर्शों पर दृढ़ रहते हुए हम भारत को वैश्विक मंच पर अपना उचित स्थान पुनः प्राप्त करने में सक्षम बनाने के मिशन पर हैं।