Mahavir Jayanti: भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश की प्राचीन सभ्यता के भीतर मौजूदा दुनिया की समस्याओं का हल बताया। मोदी ने राष्ट्रीय राजधानी के भारत मंडपम में 2550वें भगवान महावीर निर्वाण महोत्सव को संबोधित करते हुए ये बात कही। उन्होंने दुनिया के कल्याण के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर बल दिया।
मोदी ने जोर कहा कि भारत न केवल दुनिया की सबसे पुरानी जीवित सभ्यता है, बल्कि मानवता के लिए एक सुरक्षित जगह भी है। यहां मानवीय मूल्यों की सबसे ज्यादा कद्र है क्योंकि भारत केवल अपने लिए नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए सोचता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत अहंकार की नहीं बल्कि समग्रता की बात करता है। यह सीमा में नहीं, अनंत में विश्वास रखता है। भारत नीति और नियति की बात करता है। यह जीव में ज्योति की बात करता है।”
मोदी ने ये भी कहा कि सरकार की विदेश नीति ने निश्चित तौर पर विश्व मंच पर भारत की बदलती भूमिका में अहम रोल अदा किया। लेकिन इसमें देश की सांस्कृतिक छवि का भी बहुत बड़ा योगदान रहा।
पीएम ने कहा, “आज संघर्ष में फंसा विश्व भारत से शांति की उम्मीद कर रहा है। आज भारत इस भूमिका में इसलिए आया है क्योंकि हम वैश्विक मंचों पर सत्य और अहिंसा को पूरे आत्मविश्वास के साथ पेश करते हैं। हम दुनिया को बताते हैं कि वैश्विक संकटों और संघर्षों का समाधान भारत की प्राचीन संस्कृति और परंपरा में निहित है। इसलिए आज बंटी हुई दुनिया में भारत का रोल बहुत अहम हो गया है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “हम कभी बाकी देशों को जीतने के लिए उन पर हमला नहीं किया; हमने अपनी कमियों को सुधारकर खुद अपना रास्ता तय किया। जब भी मुश्किल समय आया है और हर युग में कोई न कोई संत हमारा मार्गदर्शन करने के लिए आया है। कई महान सभ्यताएं समाप्त हो गईं, लेकिन भारत ने अपना मार्ग तलाश लिया।”
उन्होंने भगवान महावीर के ‘अस्तेय’ (चोरी न करना) और ‘अहिंसा’ (अहिंसा) के मूल्यों को मजबूत करने के महत्व पर भी बल दिया।
इसके अलावा पीएम ने महावीर जयंती के अवसर पर शुभकामनाएं देते हुए इस कार्यक्रम के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने 2550वें भगवान महावीर निर्वाण महोत्सव के उद्घाटन के अवसर पर एक स्मारक डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया। प्रधानमंत्री ने कहा, “चुनावों की हलचल के दौरान ऐसे कार्यक्रम का हिस्सा बनना सुकून देने वाला है।”