Electoral Bond Data Disclosure: राजनीतिक मामलों की जानकारी रखने वाले लोगों का मानना है कि भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा चुनावी बांड डेटा के खुलासे ने विपक्ष के हाथ में नया हथियार दे दिया है। विपक्ष के हाथ एक मुद्दा लग गया है।
BJP को घेरने की तैयारी
‘इंडिया’ ब्लॉक पार्टियों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला करने के लिए डेटा का उपयोग करने की योजना तैयार कर ली है।
जानकारी के मुताबिक ‘INDIA’ गठबंधन यह दिखाने के लिए डेटा का उपयोग करना चाहता है चुनावी बांड के जरिए उन्हीं कंपनियों ने मोटी रकम दान की है जिनके ऊपर प्रवर्तन निदेशालय (ED) या केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की जांच की तलवार लटकी थी। या ऐसी कंपनियां इस तरह की जांच की सामना कर रही थी।
दोहरे प्रहार की प्लानिंग
इसके बाद इस बात को लेकर भी विपक्ष हमलावर रहेगा कि बांड के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग की गई है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इलेक्टोरल बॉन्ड की इस योजना को असंवैधानिक करार देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भाजपा को घेरने का प्रयास करेंगे।
Electoral Bond Data पर एक नजर
इस हाई-प्रोफाइल मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित समय सीमा से एक दिन पहले ही चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड डेटा अपलोड कर दिया है। आंकड़ों से पता चला कि 12 अप्रैल, 2019 और 15 फरवरी, 2024 के बीच 1,260 कंपनियों और लोगों ने 12,155.51 करोड़ रुपये के 22,217 बॉन्ड को खरीदा।
इस पीरियड में, 23 राजनीतिक दलों ने बॉन्ड को भुनाया। कुल मिलाकर 12,769.09 करोड़ मूल्य के बॉन्ड भुनाए गए। सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी 6,061 करोड़ रुपये के बॉन्ड को भुना चुकी है। दूसरे नंबर पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) 1,610 करोड़ रुपये (12.6%) के बॉन्ड भुना चुकी है। भाजपा की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने 1,422 करोड़ रुपये के बॉन्ड भुनाए।