आज पूरे देश में Eid-al-Fitr मनाई जा रही है। एक माह चले पवित्र रमजान (Ramadan) के बाद बुधवार की शाम को ईद के चांद के दीदार हो गए। बुधवार की शाम को चांद के दीदार के बाद लोगों ने एक दूसरे को गले लगा कर ईद की बधाई दी। इसलिए देश के अधिकांश हिस्सों में आज यानी गुरुवार को ईद मनाई जा रही है। इसके बाद लोग ईद की खरीदारी में मशगूल हो गए। चांद दिखने के बाद लोगों ने ईद की बची हुई तैयारी शुरू कर दी। लोग इत्र, टोपी, सेवइयां और दूसरे ड्राई फ्रूट खरीदते हुए नजर आए। राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में लोगों ने ईद मनाई। पुरानी दिल्ली के अलावा जामिया नगर, सीलमपुर, जाफराबाद, निजामुद्दीन समेत दूसरे बाजारों में भीड़ बढ़ गई। यह सिलसिला पूरी रात चला। ईद को लेकर बड़े, बुजुर्ग, बच्चे सब उत्साहित नजर आए। दिल्ली की जामा मस्जिद में नमाज अदा करने के लिए सैकड़ों लोग इकट्ठा हुए।
#WATCH | Delhi: Devotees gather at Jama Masjid to offer prayers, on the occasion of Eid-ul-Fitr. pic.twitter.com/Id3OsJDGxv
— ANI (@ANI) April 11, 2024
Eid-al-Fitr मुस्लिम धर्म के लोगों के लिए बड़ा त्योहार माना जाता है। यह त्यौहार रमजान के महीने के पूरा होने के बाद बनाया जाता है। ईद उल फितर के साथ ही रोजे खत्म होते हैं। इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, रमजान के बाद शव्वाल की पहली तारीख को ईद उल फितर मनाई जाती है। सुबह की नमाज से इसकी शुरुआत हो जाती है। इस्लामी मान्यताओं के मुताबिक, रमजान के दौरान साफ मन से रोजे रखने वाले और नमाज अदा करने वालों के अल्लाह सारे गुनाह माफ कर देता है।
#WATCH | Children hug as they celebrate after offering Namaz in Delhi's Jama Masjid on the occasion of Eid-ul-Fitr. pic.twitter.com/X4DpOrIRoy
— ANI (@ANI) April 11, 2024
इस्लाम धर्म में ऐसी मान्यताएं हैं कि रमजान महीने के अंत में ही पहली बार कुरान आई थी। मक्का से मोहम्मद पैगंबर के प्रवास के बाद पवित्र शहर मदीना में ईद उल फितर का उत्सव शुरू हुआ था। माना जाता है कि पैगंबर हजरत मुहम्मद ने बद्र की लड़ाई में जीत हासिल की थी। इस जीत की खुशी में उन्होंने सबका मुंह मीठा करवाया, इसी दिन को मीठी ईदी या Eid-al-Fitr के रूप में मनाया जाता है।
Eid-al-Fitr क्यों मनाई जाती है?
इस्लाम धर्म को मानने वालों का कहना है कि रमजान का महीना पवित्र महीना होता है। इस महीने में सच्चे मन से जो भी शख्स रोजे रखता है उस पर अल्लाह मेहरबान रहते हैं। अल्लाह के बंदे रोजे रखने का मौका देने पर और शक्ति देने के लिए अल्लाह का शुक्रिया अदा भी करते हैं। वह सुबह उठकर सबसे पहले एक खास नमाज अदा करते हैं और फिर दोस्तों रिश्तेदारों को ईद की बधाई देते हैं। अल्लाह की इस बख्शीश को Eid-al-Fitr के नाम से पुकारा जाता है। पूरी दुनिया में इस त्यौहार को बड़े उत्सव के साथ मनाया जाता है।