Congress Accuses Madhavi Buch: कांग्रेस पार्टी ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) की अध्यक्ष माधवी पुरी से जुड़े कई गंभीर मामलों पर चिंता जाहिर की है। वहीं कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने माधवी पुरी SEBI की अध्यक्ष रहते हुए ICICI से वेतन लेने का आरोप लगाया है, जोकि उनका सार्वजनिक सेवा में रहते हुए नैतिकता और जवाबदेही का गंभीर उल्लंघन है।
खेड़ा ने सेबी की ईमानदारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि बाजार नियामक को निष्पक्षता और स्वतंत्रता बनाए रखनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। वहीं, खेड़ा ने पूछा कि अगर सेबी के अध्यक्ष को ICICI से वेतन मिल रहा था तो कोई निष्पक्ष विनियमन कैसे सुनिश्चित कर सकता है। इसी दौरान खेड़ा ने नियामक निकाय में पारदर्शिता की आवश्यकता पर जोर देते नजर आए।
माधवी पुरी सेबी की पूर्णकालिक सदस्य
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “जब आप एक कंपनी में काम करते हैं, तो आपका वेतन वहीं से आता है, लेकिन जब माधवी पुरी सेबी की पूर्णकालिक सदस्य थीं, तो उन्हें 2017-2024 तक ICICI बैंक से नियमित आय प्राप्त हो रही थी। नियमों के अनुसार, किसी बड़ी संस्था में इतने बड़े पद पर बैठा कोई व्यक्ति कहीं और से भुगतान प्राप्त कर रहा था। यह पूरी तरह से सेबी की धारा 54 का उल्लंघन है।”
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पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर बोला हमला
इसी दौरान खेड़ा ने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर भी तीखा हमला बोलते हुए कहा, “सेबी की भूमिका शेयर बाजार को विनियमित करना है, जहां हम सभी अपना पैसा लगाते हैं। इसकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। सेबी के अध्यक्ष की नियुक्ति कौन करता है? यह कैबिनेट, प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की नियुक्ति समिति है। सेबी के अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए इस समिति में दो सदस्य थे…जब वह (सेबी अध्यक्ष माधबी पुरी बुच) 2017 से 2014 के बीच ICICI बैंक से 16 करोड़ 80 लाख रुपये की नियमित आय ले रही थीं। आप सेबी की पूर्णकालिक सदस्य भी हैं। आप ICICI से वेतन क्यों ले रही थीं?”
वहीं, यह पूरी घटनाक्रम भारत के वित्तीय क्षेत्र में शासन और नैतिकता पर बढ़ती जांच को बढ़ावा देता है, जिसमें कांग्रेस नियामक भूमिकाओं में हितों के टकराव को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों की मांग कर रही है।