ममता सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश दिया है कि वह संदेशखाली में ईडी के अधिकारियों पर हुए हमले की जांच सीबीआई को सौंपे। निर्देश में कहा गया है कि आज शाम 4:15 बजे तक जांच सीबीआई को सौंप दी जाए और आरोपी शाहजहां शेख की हिरासत भी केंद्रीय एजेंसी को दे दी जाए। इससे पहले कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को भी निर्देश दिया था कि शाहजहां शेख की हिरासत सीबीआई को सौंपी जाए।
सुनवाई के दौरान कलकत्ता हाई कोर्ट ने बंगाल पुलिस पर फटकार लगाई थी। साथ ही पुलिस के पक्षपातपूर्ण आचरण पर भी सवाल उठाए थे। कोर्ट ने कहा था कि आरोपियों को बचाने के लिए जांच में देरी का हर प्रयास किया जा रहा है। मंगलवार को इस फटकार के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया था।
ममता सरकार ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले में बेबुनियाद आरोप लगाकर केस को सीबीआई को सौंपा जा रहा है। इस मामले की जांच एसआईटी कर रही थी। राज्य की पुलिस इस मामले में तेजी से जांच कर रही है। राज्य सरकार ने कहा कि हमने शाहजहां शेख पर कार्रवाही करते हुए गिरफ्तार कर लिया है।
पांच जनवरी को पश्चिम बंगाल राशन घोटाला मामले में अकुंजीपारा स्थित शेख के आवास पर छापेमारी करने पहुची ED अधिकारियों को करीब 200 स्थानीय लोगों घेर कर उन पर आत्मघाती हमला कर दिया। इसी दौरान ED के कई अधिकारी गंभीर रुप से घायल हो गए थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ” तुष्टिकरण और टोलाबाजों के दबाव में काम करने वाली TMC सरकार कभी भी बहन बेटियों को सुरक्षा नहीं दे सकती। वहीं दूसरी तरफ भाजपा की केंद्र सरकार है, जिसने बलात्कार और रेप जैसे संगीन अपराध के लिए फांसी की सजा तक की व्यवस्था की है। संकट के समय बहनें आसानी से शिकायत कर सकें, इसके लिए महिला हेल्पलाइन बनाई गई है। लेकिन TMC सरकार इस व्यवस्था को यहां लागू नहीं होने दे रही है। ऐसी महिला विरोधी TMC सरकार महिलाओं का कभी भला नहीं कर सकती।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ” इसी धरती पर TMC के राज में नारीशक्ति पर अत्याचार का घोर पाप हुआ है। संदेशखाली जो कुछ भी हुआ, उससे किसी का भी सिर शर्म से झुक जाएगा। लेकिन यहां की TMC सरकार को, आपके दुख से कोई फर्क नहीं पड़ता।TMC सरकार बंगाल की महिलाओं के गुनाहगारों को बचाने के लिए पूरी शक्ति लगा रही है। लेकिन पहले हाइकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट से भी राज्य सरकार को झटका लगा है। गरीब, दलित, आदिवासी परिवारों की बहन-बेटियों के साथ TMC के नेता जगह-जगह अत्याचार कर रहे हैं। लेकिन TMC सरकार को अपने अत्याचारी नेता पर भरोसा है, बांग्ला बहन-बेटियों पर भरोसा नहीं है। इस व्यवहार से बंगाल की महिलाएं, देश की महिलाएं आक्रोश में हैं। नारीशक्ति के आक्रोश का ये ज्वार संदेशखाली तक ही सीमित नहीं रहने वाला।