Philip Green Met CM Yogi: उत्तर प्रदेश के कृषि सेक्टर को बेहतर बनाने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों में ऑस्ट्रेलिया ने सहायक बनने की इच्छा जताई है। बुधवार को लखनऊ आए ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त फिलिप ग्रीन ने ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल के साथ मुख्यमंत्री से भेंट की और कृषि व सहायक सेक्टर में निवेश पर चर्चा की।
दूसरी बार उत्तर प्रदेश आने पर प्रसन्नता प्रकट करते हुए उच्चायुक्त फिलिप ने मुख्यमंत्री से कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों का समृद्ध इतिहास है। उत्तर प्रदेश इन संबधों को और मजबूत बनाने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बहुत संभावनाएं हैं और ऑस्ट्रेलियाई कंपनियां इन सम्भावनाओं को विस्तार देने को उत्साहित हैं।
Had a productive meeting with Mr. Philip Green OAM, Australia's High Commissioner to India, and his delegation at my official residence in Lucknow today.
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 21, 2024
We had a fruitful discussion regarding the vast potential of Uttar Pradesh's agricultural sector and technological… pic.twitter.com/SA0yYNJMHH
यहां के कृषि, खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर को मजबूत करने में ऑस्ट्रेलिया अच्छा सहयोगी बनना चाहता है। उच्चायुक्त फिलिप ग्रीन ने प्रतिनिधिमंडल में शामिल कंपनियों के प्रतिनिधियों और उनकी विशेषज्ञता से भी मुख्यमंत्री को अवगत कराया।
इससे पहले, ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल के लखनऊ आगमन पर अभिनंदन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में सबसे बड़ी आबादी का यह प्रदेश भारत के फ़ूड बास्केट के रूप में विशिष्ट पहचान रखता है। हमारे पास देश की कुल कृषि भूमि का 12% हिस्सा है, लेकिन देश की खाद्यान्न जरूरतों का 20% उत्तर प्रदेश में ही पैदा होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 85% कृषि भूमि सिंचित है और इसे आगे विस्तार दिया जा रहा है। उन्होंने प्रदेश में स्थापित कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केंद्रों और किसान उत्पादन संगठनों के बारे में भी जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश का किसान परिश्रमी है और नावचारों को अपनाने वाला है, ऐसे में यदि ऑस्ट्रेलिया की कृषि तकनीकी हमारे किसानों को मिलेगी तो निश्चित ही प्रदेश में कृषि, उद्यान, डेयरी और खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर को बड़ा लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के डेयरी सेक्टर को और बेहतर बनाने में ऑस्ट्रेलिया अच्छा सहयोगी बन सकता है। उत्तर प्रदेश एक जिला-एक डेयरी के एक बड़े कार्यक्रम की आगे बढ़ाने वाला है, इसमें ऑस्ट्रेलिया से तकनीकी सहयोग मिलना उत्साहवर्धक होगा।
विभिन्न ऑस्ट्रेलियाई शैक्षिक संस्थानों के प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश के युवा उच्च शिक्षा के लिए ऑस्ट्रेलिया जाते हैं। यह उचित होगा ऑस्ट्रेलिया के विश्वविद्यालय, यूपी के शैक्षिक संस्थानों के साथ शोध, अनुसंधान करने और तकनीकी ज्ञान के हस्तांतरण हेतु एमओयू करते हुए आगे बढ़े। साथ ही, आस्ट्रेलिया के विश्वविद्यालयों द्वारा प्रदेश में अपने परिसर स्थापित करने पर भी विचार किया जाना चाहिए।
ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त के साथ वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की चर्चा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में आज जल, थल और नभ की बेहतरीन कनेक्टिविटी है।
निवेश अनुकूल 27 इंडस्ट्रियल सेक्टोरल पॉलिसी हर सेक्टर के निवेशकों की जरूरतों को पूरा करने वाला है। मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश की एफडीआई और फार्च्यून 500 कंपनियों के लिए घोषित नीति को ऑस्ट्रेलियाई निवेशकों के लिए उपयोगी बताया।
ऑस्ट्रेलियाई दल के साथ वार्ता के अवसर पर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका गर्ग सहित अनेक अधिकारियों की उपस्थिति रही।
उच्चायुक्त फिलिप ग्रीन के साथ मुख्यमंत्री से भेंट करने वाले प्रतिनिधिमंडल में वरिष्ठ व्यापार और निवेश आयुक्त, जॉन साउथवेल, कृषि सलाहकार किरण करामिल, द्वितीय सचिव टॉम ओवरटान, व्यापार और निवेश निदेशक आशा सुंदरमूर्ति, ऑसन लैब के भारत निदेशक संदीप जायसवाल, ग्रेनकॉर्प के निवेश प्रबंधक, जॉर्डन जेफरी, पश्चिमी सिडनी विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय रणनीति प्रमुख, निशा राकेश, तस्मानिया विश्वविद्यालय से मिसेल रोज सहित ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों और शैक्षिक संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल थे।