Yogesh Gupta Arrest: सीजीएसटी गुरुग्राम आयुक्तालय ने जीएसटी प्राइम और ई-वे बिल पोर्टल के माध्यम से डेटा एनालिटिक्स का लाभ उठाते हुए कई फर्जी फर्मों से जुड़े एक बड़े कर धोखाधड़ी सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है। ऑपरेशन से पता चला कि जाली दस्तावेजों का उपयोग करके जीएसटी पंजीकरण प्राप्त किए गए थे, जिसमें कई फर्म एक ही पंजीकृत मोबाइल नंबर से जुड़ी हुई थीं।
बता दें कि मामले की विस्तृत जांच में पता चला कि योगेश गुप्ता धोखाधड़ी नेटवर्क के पीछे का मास्टरमाइंड है। गुप्ता ने अलग-अलग प्रोपराइटर और डायरेक्टर के नाम से 12 फर्म बनाई और संचालित कीं। ये संस्थाएं माल की वास्तविक आपूर्ति के बिना फर्जी चालान जारी करने में शामिल थीं, जिनका कर योग्य मूल्य 312.83 करोड़ रुपये था और धोखाधड़ी से 37.54 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा किया गया।
वहीं, जांच के दौरान, गुप्ता ने घोटाले की साजिश रचने की बात कबूल की और उसे 6 फरवरी, 2025 को सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 69 (1) के तहत गिरफ्तार किया गया। उसे गुरुग्राम जिला न्यायालय ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
दरअसल, आयुक्तालय ने पहले ही पांच संलिप्त फर्मों के बारे में अलर्ट सर्कुलर जारी कर दिया है, शेष फर्मों के लिए भी इसी तरह के अलर्ट जारी किए जा रहे हैं, जिन क्षेत्रों में धोखाधड़ी वाले क्रेडिट पास किए गए थे।
अधिकारियों ने पुष्टि की है कि अतिरिक्त लिंक की पहचान करने और भविष्य में इसी तरह की कर धोखाधड़ी गतिविधियों को रोकने के लिए आगे की जांच चल रही है।