दिल्ली एयरपोर्ट पर अब लंबी कतारों से यात्रियों को मुक्ति मिलने वाली है। बैगेज ट्रे के इंतजार में खड़े यात्रियों की परेशानी अब कम होने वाली है। दरअसल, आईजीआई एयरपोर्ट के टर्मिनल 1 पर जल्द ही केबिन बैग के लिए 3 डी कंप्यूटेड टेमोग्राफी एक्सरे मशीन (CTX) लगने वाली है। एक्सटेंडेड टर्मिनल 1 के फरवरी से शुरू होने की उम्मीद है। और यह टर्मिनल केबिन बैग के लिए ऐसा अत्याधुनिक एक्सरे मशीन का प्रयोग करने वाला देश का पहला एयरपोर्ट होगा।
इन स्कैनरों की मदद से सिक्यॉरिटी चेकअप प्वाइंट पर ट्रे के लिए लंबी लाइन से निजात मिल जाएगी। यही नहीं, यात्रियों को चेक इन प्वाइंट के अंदर जाने से पहले इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे लैपटॉप, चार्जर या लिक्विड जैसे चीजों को ट्रे में रखने की जरूरत नहीं होगी।
बेंगलुरु एयरपोर्ट पर भी ट्रायल रन जारी
बेंगलुरु के कैंपागौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर CTX का ट्रायल रन दो सप्ताह में शुरू होने की उम्मीद है। दोनों एयरपोर्ट पर इन स्कैनरों को लगाने के लिए जगह और सिक्यॉरिटी चेक प्वाइंट पर इन मशीनों को ऑटोमेटेड ट्रे रिट्रिवल सिस्टम (ATRS) से जोड़ने की तैयारी कर रही है। चूंकि यह तकनीक एकदम नई है, तो एयरपोर्ट ऑपरेटर इस मशीन की बैगेज हैडलिंग की क्षमता की पूरी जांच कर लेना चाहता है। ताकि यह पता लगाया जा सके कि ऐसे कितनी मशीन की जरूरत होगी।
दरअसल, CTX 2डी एक्सरे स्कैनर की तुलना में ज्यादा बड़ी मशीन है। IGI पर सुरक्षा लेआउट कैसा हो। इसमें अच्छी बात यह है कि अब यात्रियों को अपने लैपटॉप को बाहर नहीं निकालना पड़ेगा। ऐसे में प्लास्टिक ट्रे की जरूरत खत्म हो जाएगी। इस मशीन का ट्रायल जारी है।
दिल्ली एयरपोर्ट CTX मशीन यूज करने वाला पहला होगा
उधर, डायल इस नई तकनीक की जांच-परख को अंतिम चरण में ले जा चुका है। इसके अलावा इन मशीनों के लिए रिक्वेस्ट ऑफ प्रपोजल भी भेजा जा चुका है। जल्द ही मशीन का ऑर्डर जारी किया जाएगा। जयपुरिया ने बताया कि टी-1 का एक्सटेंडेड टर्मिनल इस मशीन का प्रयोग करने वाला देश का पहला एयरपोर्ट होगा। सूत्रों ने बताया कि टी-1 टर्मिनल फरवरी महीने से सुरू होगा तो हो सकता है कि मशीनों को बाद में यहां लगाया जाए। डायल ने इस नई मशीन के लिए जगह भी छोड़ दी है। सूत्रों ने बताया कि CTX के लगने से न केवल सुरक्षा मजबूत होगी बल्कि प्रतिबंधित सामान का पकड़ में आना भी आसान होगा।