अतीक अहमद के भाई अशरफअहमद की मदद के आरोप में जेलर सहित 7 लोगों को निलंबित कर दिया गया है.
अशरफ अहमद का नाम उत्तर प्रदेश के चर्चित हत्याकांड उमेश पाल में भी आया था. इस केस में अशरफ अहमद अपने बड़े भाई अतीक अहमद के साथ मुख्य आरोपी थे.
अशरफ अहमद बरेली जिला जेल में बंद थे. बरेली जेल के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध पाए जाने पर डीआईजी जेल आरएन पांडेय ने जांच की थी. डीआईजी जेल आरएन पांडेय ने अपनी रिपोर्ट डीजी जेल आनंद कुमार को सौंपी थी.
डीजी जेल आनंद कुमार के निर्देश पर जेलर राजीव मिश्रा, डिप्टी जेलर दुर्गेश प्रताप सिंह के अलावा हेड जेल वार्डर ब्रजवीर सिंह, जेल वार्डर दानिश मेंहदी, दलपत सिंह को निलंबित कर दिया है वहीं दूसरे जेलर कृष्ण मुरारी गुप्ता को नोटिस जारी कर दिया गया है, एसआईटी ने जेल वार्डर (सिपाही) समेत दो लोगों को जेल भेजा है.
जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला के खिलाफ भी रिपोर्ट भेजी गई है जिस पर बाद में फैसला होगा.
जेल की पुलिस अशरफ के आदमियों को उससे मिलवाने में मदद करती थी, इस आरोप में सिपाही मनोज गौड़ की गिरफ्तारी एसआईटी ने की है, मनोज गौड़ अभी पीलीभीत जेल में है कुछ दिन पहले वो बरेली के जिला जेल में था. इस मामले में अब तक 2 सिपाही समेत 5 लोगों के गिरफ्तार कर लिया गया है.
अपराधी बिना पुलिस या जेल पुलिस के मिली भगत के अपराध नहीं कर सकते अतीक अहमद और अशफाक अहमद को भी पुलिस का पूरा साथ मिलता रहा है लेकिन उमेश पाल की हत्या के बाद यूपी पुलिस इन अपराधियों और इन अपराधियों के सहयोगी पुलिस वालों को छोड़ने के मूड में नहीं दिख रही है. अतीक अहमद की तरह ही उनके छोटे भाई अशरफ अहमद भी पेशेवर अपराधी है, अपने भाई की तरह अशरफ अहमद पर भी कई संगीन धाराओं वाले मुकदमें दर्ज हैं.