देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को देश का अंतरिम बजट पेश किया। इस बजट में एक महत्वपूर्ण घोषणा महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर की गई। बजट में घोषणा की गई कि 9 से 14 साल तक की लड़कियों को सर्वाइकल कैंसर का मुफ्त टीका लगाया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि इस टीकाकरण अभियान से सर्वाइकल कैंसर पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। आकंड़ों के अनुसार, भारत में सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे बड़ा कैंसर है। सर्वाइकल कैंसर से होने वाली मौतों में दूसरी सबसे बड़ी वजह भी है। सर्वाइकल कैंसर को रोकने के लिए Cervavac नाम की वैक्सीन बनाई जाएगी, ये वैक्सीन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा बनाई जाएगी। यह वैक्सीन HPV के चारों वैरिएंट्स 16, 18, 6 और 11 से इम्यूनिटी प्रदान करेगी। अभी मार्केट में उपलब्ध सर्वाइकल कैंसर की कीमत 3000 से 5000 रुपये प्रति डोज है। वहीं, सरकार इस वैक्सीन को 200-400 रुपये प्रति डोज में उपलब्ध कराएगी।
भारत में सर्वाइकल कैंसर के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। आंकड़ों के अनुसार, 15 साल और उससे बड़ी उम्र की 51 करोड़ लड़कियों को सर्वाइकल कैंसर का खतरा है। करीब 1.23 लाख महिलाओं को हर साल सर्वाइकल कैंसर होता है, जिसमें से 77 हजार से ज्यादा महिलाओं की मौत हो जाती है।
सर्वाइकल कैंसर वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ता एक प्रकार का कैंसर है जो महिलाओं में पाया जाता है। सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में मृत्यु का दूसरा सबसे प्रमुख कारण है। WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020 में अनुमानित 604,000 नए मामलों और 342,000 मौतों के साथ सर्वाइकल कैंसर वैश्विक स्तर पर महिलाओं में चौथा सबसे आम कैंसर है। भारत में सर्वाइकल कैंसर 18.3% (123,907 मामले) की दर से तीसरा सबसे आम कैंसर है।
क्या है सर्वाइकल कैंसर?
सर्वाइकल कैंसर एक महिला के गर्भाशय का नीचला हिस्सा, जिसे सर्वाइक्स कहा जाता है, में होने वाला कैंसर है। यह कैंसर असामान्य रूप से बढ़ी हुई कोशिकाओं के कारण होता है जो सामान्यत: ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) के संक्रमण के परिणामस्वरूप विकसित होती हैं। अगर समय पर असामान्य रूप से बढ़ी हुई कोशिकाओं नष्ट नहीं किया गया या हटाया नहीं गया, तो असामान्य कोशिकाएं कैंसर कोशिकाएं बन जाती हैं और बढ़ने लगती हैं और गर्भाशय ग्रीवा और आसपास के क्षेत्रों में अधिक गहराई तक फैलती हैं जिससे सर्वाइकल कैंसर होता है। सर्वाइकल कैंसर का नाम उन कोशिकाओं के प्रकार के आधार पर रखा जाता है जहां से कैंसर शुरू होता है। सर्वाइकल कैंसर के दो मुख्य प्रकार हैं:
स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा : जानकारों के मुताबिक, 90% सर्वाइकल कैंसर स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा होते हैं, इस कैंसर की विकसित होने की मुख्य वजह एक्टोसर्विक्स की कोशिकाओं के विकास को बताया जाता है।
एडेनोकार्सिनोमा : सर्वाइकल एडेनोकार्सिनोमा एंडोकर्विक्स की ग्रंथि कोशिकाओं में विकसित होता है। क्लियर सेल एडेनोकार्सिनोमा, जिसे क्लियर सेल कार्सिनोमा या मेसोनेफ्रोमा भी कहा जाता है, एक दुर्लभ प्रकार का सर्वाइकल एडेनोकार्सिनोमा है।
सर्वाइकल कैंसर होने की वजह
सर्वाइकल कैंसर तब जन्म लेता है जब सर्वाइक्स में असामान्य कोशिकाओं का विकास होता है। ये कोशिकाएं सर्वाइक्स को ढ़ांचा करने वाले ऊतकों को बदल देती हैं। इसका मुख्य कारण HPV (ह्यूमन पैपिलोमावायरस) संक्रमण है।
सर्वाइकल कैंसर के कई कारण है जैसे:
HPV संक्रमण: एचपीवी एक सामान्य यौन संगर्भ माध्यम से फैलता है और अगर संक्रमित व्यक्ति किसी अन्य स्वस्थ व्यक्ति के साथ संबंध बनाता है, तो संक्रमण फैल सकता है।
अन्य कारक: धूम्रपान, कमजोर इम्यून सिस्टम, सम्भावना से पहले यौन गतिविधि, या एकाधिक यौन संबंध भी सर्वाइकल कैंसर को जन्म देते है।
असामान्य सेल का विकास: संक्रमित होने पर जरुरत से ज्यादा सेल्स विकसित होने लगती हैं जो सामान्य अवस्था से बाहर होती हैं जिसके कारण कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
बचने के उपाय
नियमित जाँच: नियमित गायनेकोलॉजिकल जाँच और पाप स्मीर टेस्ट से सर्वाइकल कैंसर का स्क्रीनिंग करवाएं।
HPV वैक्सीनेशन: HPV वैक्सीन का टीका समय पर ले, खासकर लड़कियां।
हेल्दी आहार: अपने खाने में फल, सब्जियाँ, और हेल्दी चीजों को शामिल करें।
नियमित व्यायाम: योग, व्यायाम, और प्रणायाम करें।
धूम्रपान और शराब से बचें: तंबाकू और शराब का सेवन न करें।
हेल्दी वजन: स्वस्थय स्वास्थय के लिे आवश्यक है कि आप हेल्थी वजन बनाए रखें और ओबेसिटी से बचे।
स्वस्थ जीवनशैली: स्वस्थ और नियमित जीवनशैली अपनाएं, तनाव से बचें।
जागरूकता: जागरूकता बढ़ाएं और स्वास्थ्य से जुड़ी सही जानकारी ले।
( Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी अलग-अलग माध्यमों से जुटाई गई है, इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए डॉक्टरों की सलाह लेनी जरूरी है।)
सर्वाइकल कैंसर वैक्सीनेशन
सर्वाइकल कैंसर वैक्सीनेशन जिसे HPV वैक्सीन भी कहा जाता है, महिलाओं और पुरुषों को HPV (Human Papilloma virus) से होने वाले कुछ प्रकार के संक्रमण से बचाने के लिए बनाई जाती है। HPV वैक्सीनेशन सर्वाइकल कैंसर के बढ़ते जोखिमों को कम करने में मददगार साबित हो सकती है। रीसर्च में पाया गया है कि HPV वैक्सीन 90% से अधिक HPV संक्रमण और कैंसर को कम करने में कारगार साबित होती है। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) 12 वर्ष की आयु से नियमित रुप से HPV टीकाकरण करने की सलाह देता है। HPV टीका सिर्फ सर्वाइकल कैंसर ही नहीं बल्कि और भी कई गंभीर प्रकार की बीमारियों से बचाने में भी कारगर हो सकता है।
किसको दी जाती है ये वैक्सीन : सर्वाइकल कैंसर वैक्सीन को मुख्य रुप से किशोरावस्था की लड़कियों को ही दी जाती है, लेकिन कई जगहो पर इस वैक्सीन को पुरुषों को भी दिया जाता है। वैक्सीन के लिए एक सही उम्र व्यक्ति के यौन सक्रिय होने से पहले माना जाता है। इसलिए क्योंकि जब भी किसी व्यक्ति को एक बार HPV हो जाता है, तो वैक्सीन उतना प्रभावी नहीं हो पाता, क्योंकि वैक्सीन का काम तो नए संक्रमण को रोकना है। ऐसे में अगर किसी व्यक्ति को यह वायरस हो जाता है, तो वैक्सीन शरीर को वायरस निकालने में मदद नहीं कर पाता है। जो लोग 15 साल से कम में यह वैक्सीन लगवाते हैं उनपर यह वैक्सीन कारगार साबित होती हैं। 15 से 26 साल की उम्र में वैक्सीन लगवाने वाले लोग, उन्को छह महीने में वैक्सीन की तीन डोज दी जाती है। तो वहीं जो लोग 15 साल से कम में यह वैक्सीन लगवाते हैं, उन्हें 6 से 12 महीने के अंदर वैक्सीन की दो डोज लगाई जाती है।
कैसे कार्य करती है: यह वैक्सीन HPV के इन्फेक्शन के खिलाफ Immunity बढ़ाती है, जो सर्वाइकल कैंसर और यौन संबंधित अन्य इन्फेक्शन के कारण होते हैं।
भारत में सर्वाइकल कैंसर के इलाज की लागत
NCBI के डाटानुसार, अगल-अगल सर्वाइकल कैंसर के उपचार के लिए अलग-अलग तरीके अपनाए जाते हैं, जैसे रेडियोथेरेपी, ब्रैकीथेरेपी, कीमोथेरेपी और सर्जरी का इस्तेमाल किया जाता है। जानकारों का कहना है कि स्वास्थ्य प्रणाली की लागत 19,494 से 41,388 रुपये तक होती है। मरीजों पर OOPE के रूप में 4,042 से 23,453 रुपये खर्च किए जाते हैं। वहीं, ब्रैकीथेरेपी के लिए 45 हजार और रेडियोथेरेपी के लिए एचबीपी के लिए करीब 64 हजार रुपए खर्च किए जाते हैं।