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बेहद गुणकारी है महादेव पर चढ़ाया जाने वाला ये जंगली पौधा, हर लेता है पुराने से पुराना रोग

इस पौधे में गुलाबी और सफेद रंग के फूल लगे होते हैं। इस पौधे से चिपचिपा पदार्थ निकलता है, जिसे आम भाषा में आंक का दूध बोलते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में आंक के दूध का इस्तेमाल फेवीकोल के रुप में किया जाता है...
Aak Plant Benefits liked by lord shiva and ganesha has many medicinal properties know here in detail

Aak Plant Benefits: आज हम आपको भगवान शिव और गणेश को अर्पित किए जाने वाले उस पौधे के बारे में बताएंगे,जिसका उपयोग न केवल पूजा-पाठ के लिए बल्कि औषधीय के रुप में भी किया जाता है। इस पौधे का नाम आंक है। इसे राजस्थान में आंकड़ा और आर्क भी कहा जाता है। जड़ी बूटी ज्ञान के डॉक्टर के मुताबिक, यह पौधा काफी जहरीला होता है और ज्यादातर मरुस्थलीय इलाकों में पाया जाता है।

बेहद जहरीला होता है आंक का दूध

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पीपल के बाद आंक ही सबसे पवित्र पौधा माना जाता है। इस पौधे में गुलाबी और सफेद रंग के फूल लगे होते हैं। इस पौधे से चिपचिपा पदार्थ निकलता है, जिसे आम भाषा में आंक का दूध बोलते हैं। औषधीय डॉक्टरों की मानें तो यह दूध काफी जहरीला होता है। ग्रामीण क्षेत्र में आंक के दूध का इस्तेमाल फेवीकोल के रुप में किया जाता है।

हर लेता है पुराने से पुराना रोग

जड़ी बूटी ज्ञान के डॉक्टर ने बताया कि आंक के पौधे का (Aak Plant Benefits) आयुर्वेद में बड़ा औषधीय महत्व है। इसके फूल, पत्तियां, जड़, पत्तों और तनों से निकलने वाले चिपचिपे पदार्थ का इस्तेमाल पुराने से पुराने रोग ठीक करने में किया जाता रहा है। आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने वाली कंपनियां भी आंक के पौधे से दवाइयां बनाने का काम करती है।

यह भी पढ़ें- कई बीमारियों का रामबाण इलाज है ये साग, जानें इसके फायदे

जान लें आंक के आयुर्वेदिक फायदे

  1. आंक में कई आयुर्वेदिक गुण पाए जाते हैं, जिनका इस्तेमाल आंखों की समस्या दूर करने के लिए किया जाता है। इसके लिए आंक के फूलों को सुखाकर उसमें गुलाब जल मिलाकर इसे आंखों के आस–पास लगाया जाता है।
  2. आंक के दूध में कई तरह के तत्व पाए जाते हैं, जो कान के दर्द में उपयोगी साबित होते हैं। रूई के साथ बूंद के रूप में कान में डालकर इसका इस्तेमाल किया जाता है।
  3. अगर आप आंक के पत्तों को पीसकर सिर पर लेप करते हैं, तो इससे सिर दर्द में राहत मिलती है।
  4. आंक के रस में कई तरह के एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं, जो स्किन पर होने वाले सूजन, लालिमा व जलन को कम करने में मददगार होते हैं।
  5. आंक बवासीर के मरीजों के लिए रामबाण इलाज है। आंक के पत्तों को पीसकर बवासीर के घाव पर लगाने से दर्द ठीक हो जाता है व घाव भी भरने लगता है।

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