लोकसभा चुनाव के मददेनजर महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन ने सीट-शेयरिंग मामले पर अपना स्टैंड स्पष्ट कर दिया है। इसकी औपचारिक घोषणा दो दिनों के अंदर कर दी जाएगी। यह समझौता कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा श्री ठाकरे और शरद पवार तक पहुंचने के बाद किया गया है।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना गुट राज्य की 48 सीटों में से 20 पर चुनाव लड़ सकती है। तो वहीं कांग्रेस 18 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। साथ ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी इकाई अन्य 10 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है। शिवसेना मुंबई में छह लोकसभा सीटों में से चार पर चुनाव लड़ेगी जिसमें से एक सीट शिवसेना वीबीए को दे सकती है।
सूत्रों के मुताबिक, एक क्षेत्रीय पार्टी जिसका नाम वंचित बहुजन अगाड़ी है उसने पहले पांच सीटों की मांग की थी अब वंचित बहुजन अगाड़ी पार्टी को शिवसेना के हिस्से से दो सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है। बीते हफ्ते ही मीडिया में यह खबर फैली थी कि कांग्रेस और शिवसेना ने अपने मुंबई की दक्षिण मध्य और उत्तर पश्चिम सीटों पर हुए मतभेदों को सुलझा लिया है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि आपस में हुए विवाद को दोनों दलों ने कैसे सुलझाया। खबर यह भी है कि दोनों दलों के नेताओं ने 39 सीटों के लिए बातचीत भी कर ली है। कांग्रेस पार्टी और सपा ने यूपी के 80 सीटों को 17.63 से बांट लिया है। वहीं आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के मध्य अखिल भारतीय समझौता हो गया है।
2019 के हुए लोकसभा चुनाव में शिवसेना और भाजपा के गठबंधन ने 23 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें 18 सीटों पर शिवसेना और भाजपा की गठबंधन जीती थी। 2019 में कांग्रेस ने 25 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से केवल एक सीट पर ही जीत पाई थी और वहीं शरद पवार की राकांपा जो, 2019 में एक स्वतंत्र पार्टी थी। राकांपा ने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा जिसमें से केवल चार ही सीटों पर जीत हासिल कर पाई थी।
2019 के हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा का दबदबा बना रहा। भाजपा ने 25 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें से 23 साटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी। पर इस बार दृष्य कुछ अलग है क्योंकि इस बार भाजपा को शिवसेना और राकांपा के विद्रोही गुटों का समर्थन प्राप्त होगा।