Husband Tore Pregnant Wife Stomach: मुबारक हो बेटा हुआ है…समाज में आज भी कई लोग ऐसे हैं, जो केवल बेटे की ही चाहत रखते हैं और बेटी के पैदा होने पर मातम मनाते हैं। समाज की इस घटिया मानसिकता में कब बदलाव होगा, यह कह पाना शायद मुश्किल ही है। उत्तर प्रदेश के बरेली से एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसको सुनकर आपकी रूह कांप उठेगी। यहां एक हैवान पति ने बेटा या बेटी की जांच करने के लिए अपनी गर्भवती पत्नी का हंसिये से पेट फाड़ दिया था, जिसके कारण आठ माह के गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई और महिला की जान भी जोखिम में आ गई थी। अब इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने पन्नालाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
कई बार जाहिर की बेटे की चाह
यूपी के बरेली शहर के मोहल्ला नेकपुर के रहने वाले पन्नालाल की पत्नी अनीता पांच बेटियों के जन्म के बाद एक बार फिर गर्भवती हुई। पन्नालाल ने अपनी पत्नी से कई बार बेटे की चाहत जाहिर की। वह इस बात को लेकर अनीता के साथ मारपीट भी करता था। इतना ही नहीं, जब उसकी पत्नी छठी बार गर्भवती हुई तो पन्नालाल ने अपनी पत्नी को धमकी दी कि अगर इस बार बेटी पैदा हुई तो वह दूसरी शादी कर लेगा।
बेटा है या बेटी…
बेटे की चाहत में पन्नालाल इस कदर पागल हो गया कि साल 2020 में 19 सितंबर की शाम करीब चार बजे उसने अनीता से कहा कि वह उसका पेट फाड़कर देखेगा कि गर्भ में बेटा है या बेटी। अनीता ने उसे रोकने की कोशिश की, मगर वह नहीं माना और पन्नालाल ने हंसिये से अनीता का पेट फाड़ दिया। सूचना पर पहुंचे मायके वालों ने गंभीर हालत में आनन-फानन में अनीता को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। वहां से उसे बरेली के लिए रेफर कर दिया गया। अनीता की तो जान बच गई, लेकिन आठ माह के गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई।
अब मिला आजीवन कारावास
इस चार साल पुराने मामले में महिला अपराध के न्यायाधीश सौरभ सक्सेना ने गुरुवार को पन्नालाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। पन्नालाल सजा सुनाए जाने के वक्त अदालत में ही था। वहां से उसे जेल भेज दिया गया।
न्यायाधीश सौरभ सक्सेना के मुताबिक, पन्नालाल ने निर्दयी तरीके से पत्नी को जान से मारने की नीयत से उसके पेट व छाती पर हंसिये से वार किया। इससे पीड़िता का पेट फट गया था और उसकी छोटी आंत भी बाहर आ गई। आठ महीने के शिशु का गर्भपात हो गया था। ऐसा लग रहा है कि पन्नालाल को कानून का भय नहीं है।
वहीं, पन्नालाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 307 और 313 के तहत सजा सुनाई है। इसके अलावा, 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।