Income Tax Refund: अगर आपने आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल किया है और अब अपने रिटर्न का इंतजार कर रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए है। आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई थी। अब आखिरी तारीख खत्म होते ही डिपार्टमेंट रिफंड जारी करने की प्रक्रिया शुरू करेगा। बता दें कि अपनी देनदारी से अधिक टैक्स चुकाने वाले टैक्सपेयर ही ‘आयकर रिफंड’ प्राप्त करने के हकदार होते हैं, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि वे रिटर्न दाखिल करने के 30 दिन के भीतर उसे ई- वेरीफाई करें। इसके बाद ही विभाग रिफंड जारी करने की प्रक्रिया शुरू करता है। अगर आप ई- वेरिफिकेशन नहीं करवाते हैं, तो आपको आपका रिफंड नहीं मिलेगा।
लगता है इतना समय
आप जिस तारीख को आईटीआर को ई-वेरीफाई करवाएंगे, उसी तारीख से रिफंड की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। आमतौर पर आईटीआर की रिफंड आने में 15 दिन से लेकर 2 महीने तक का समय लग सकता है। हालांकि, कई बार रिफंड समय से पहले भी आ जाता है।
ऐसे मामलों में आयकर विभाग संशोधित रिटर्न दाखिल करने के लिए कह सकता है। उसकी फिर से जांच होगी और उसे सही पाए जाने पर रिफंड का पैसा दे दिया जाएगा। बता दें कि आप आयकर विभाग के पोर्टल पर जाकर अपने रिफंड का स्टेटस जान सकते हैं।
Income Tax Refund: ई-वेरिफिकेशन है बेहद जरूरी
इनकम टैक्स विभाग के नियमों के मुताबिक, ITR दाखिल करने के बाद 30 दिनों के अंदर उसे ई-वेरीफाई करवाना होता है। ई-वेरीफाई ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीकों से किया जा सकता है। ऑफलाइन तरीके में आईटीआर की प्रति पर हस्ताक्षर करके उसे आयकर विभाग के बेंगलुरु स्थित कार्यालय में डाक के जरिए भेजना होता है। यदि किसी टैक्सपेयर ने आईटीआर को वेरीफाई नहीं किया है तो उसे रिफंड का पैसा नहीं मिलेगा।
Income Tax Refund: किस ITR के लिए कितना समय
ITR-1: 10 से 15 के भीतर रिफंड मिल जाता है। यह समय सीमा उनके लिए है, जिन्होंने फॉर्म 16 के आधार पर रिटर्न जमा किया है।
ITR-2: रिफंड आने में करीब 20 से 45 दिन का समय लग जाता है। हालांकि, कई बार इसमें विभिन्न कारणों से देरी भी होती है।
ITR-3: लगभग दो महीने का समय लगता है, क्योंकि इस रिटर्न फॉर्म में व्यापार आय सहित कई प्रकार की जानकारियां शामिल होती हैं, जिनकी बारीकी से जांच की जाती है।
क्या जानबूझकर की जा रही इनकम टैक्स रिफंड में देरी? डिपार्टमेंट ने दिया जवाब
Income Tax Refund: क्या है प्रोसेस?
जब आप अपना ITR फाइल करते हैं, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपके फॉर्म की जांच करता है, जिसके बाद रिफंड प्रोसेस शुरू होता है। अगर उसमें कोई गलती रह जाती है या फिर आपका टैक्स ज्यादा कट जाता है तो भी आप रिफंड क्लेम कर सकते हैं। इसके लिए आप रिवाइज्ड ITR भी फाइल कर सकते हैं। इसके बाद रिफंड सीधे आपके बैंक अकाउंट में आ जाता है।