UGC-NET Exam 2024 Cancelled: पेपर लीक की खबरें उन हजारों लाखों उम्मीदवारों के सपनों पर पानी फेर देती हैं, जो सालों मेहनत और घंटो पढ़ाई करके एग्जाम में बैठते हैं। एग्जाम देने के बाद जब उन्हें पता चलता है कि पेपर रद्द हो गया, तो इससे उनकी उम्मीदों को काफी ठेस पहुंचती है। ऐसा ही कुछ यूजीसी नेट के अभ्यर्थियों के साथ हुआ है।
यूजीसी नेट परीक्षा आयोजित होने के 1 दिन बाद ही रद्द कर दी गई है। परीक्षा 18 जून, 2024 को देशभर के 317 शहरों में स्थित 1205 केंद्रों पर आयोजित की गई थी। इस परीक्षा के लिए 11.21 लाख उम्मीदवार पंजीकृत थे, जिनमें से 81 फीसदी उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी, जिसके बाद 19 जून देर रात आई खबर ने उम्मीदवारों की मेहनत पर पानी फेर दिया। करीब 10 बजे खबर आई की यूजीसी नेट परीक्षा रद्द कर दी गई है।
भारत के शिक्षा मंत्रालय (Ministry of Education) कि ओर से कहा गया कि ‘गृह मंत्रालय के अधीन आने वाले Indian Cyber Crime Coordination Centre द्वारा मिली शुरुआती जानकारी के मद्देनजर 18 जून को हुई यूजीसी नेट 2024 की परीक्षा रद्द की जा रही है। अब ये परीक्षा फिर से आयोजित की जाएगी। मंत्रालय ने कहा है कि ‘यूजीसी नेट परीक्षा में गड़बड़ी की जांच का जिम्मा CBI को सौंपा जा रहा है। सरकार परीक्षाओं की पवित्रता बरकरार रखने और छात्रों के हित की सुरक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। जो भी व्यक्ति या संस्थान नेट परीक्षा में धांधली मामले में जिम्मेदार पाया जाएगा, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
Government is committed to ensure the sanctity of examinations and protect the interest of students.
— Ministry of Education (@EduMinOfIndia) June 19, 2024
Ministry of Education has decided that the UGC-NET June 2024 Examination be cancelled on the basis of inputs from Indian Cyber Crime Coordination Centre (I4C) under the Ministry…
UGC NET क्या है ?
यूजीसी नेट का फुल फॉर्म है- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा यानी National Eligibility Test मास्टर डिग्री वाले कैंडिडेट्स के लिए कुल 83 विषयों के लिए ये परीक्षा ली जाती है। इसमें पास होने वाले यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी पा सकते हैं। वहीं, टॉप 6% कटऑफ में आने वालों को Junior Research Fellowship दी जाती है, जिसके तहत उन्हें भारत सरकार की ओर से शोध कार्य के लिए एक निश्चित राशि का भुगतान किया जाता है। ये परीक्षा साल में दो बार जून और दिसंबर में आयोजित होती है।
सवालों के घेरे में है NTA
आपको बता दें कि NEET 2024 आयोजित कराने वाली राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी यानी एनटीए ने ही यूजीसी नेट परीक्षा को भी कराया था। जो पहले से ही सवालों के घेरे में है। एनटीए की परीक्षाओं में एक के बाद एक गडबड़ी के पीछे वहां चल रही ठेके की व्यवस्था को बड़ी वजह माना जा रहा है। खबर के मुताबिक, एनटीए के पास इन परीक्षाओं को कराने का अपना खुद का कोई अमला या विशेषज्ञ नहीं है, बल्कि वह लाखों छात्रों की यह परीक्षाएं आउटसोर्सिंग के जरिये कराती है। इसमें कई ऐसी एजेंसियां भी शामिल हैं, जिनके पास परीक्षा का न तो कोई अनुभव है और न ही कोई संसाधन है।
वह जुगाड़ की व्यवस्था से इन परीक्षाओं का आयोजन कराती हैं। इनमें काम करने वाले कर्मचारियों का कोई वेरीफिकेशन भी नहीं है। जानकारों की मानें तो एनटीए के साथ मिलकर परीक्षाओं का आयोजन कराने वाले इन एजेंसियों में एक ऐसा गैंग जुड़ गया है, जो पैसा लेकर परीक्षा के पेपर लीक कराने का काम कर रहा है।
NEET UG परीक्षा-2024 से संबंधित मामले में बिहार पुलिस मांगी रिपोर्ट
नीट यूजी परीक्षा-2024 से संबंधित मामले में पटना में परीक्षा के संचालन में कुछ अनियमितताओं के संबंध में आर्थिक अपराध इकाई, बिहार पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद केंद्र सरकार आगे की कार्रवाई करेगी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ग्रेस मार्क्स प्राप्त छात्रों को फिर से नीट की परीक्षा देनी होगी। एनटीए ने कोर्ट को ऐसे बच्चों की संख्या बताई थी। साथ ही शीर्ष अदालत ने समय पर नीट काउसलिंग की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है।
UGC NET रद्द, NEET की परीक्षा दोबारा क्यों ?
अब सवाल उठाया जा रहा है कि जब यूजीसी NET रद्द किया जा सकता है, तो NEET की परीक्षा दोबारा क्यों नहीं कराई जा सकती। तर्क ये भी दिया जा रहा है कि जब 2015 में NEET को रद्द कर दोबारा कराया गया था, तो इस बार गड़बड़ी होने पर ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा। दरअसल, 4 जून को नीट का रिजल्ट आने के बाद से NEET में धांधली का आरोप लगाकर देश भर में प्रदर्शन किए जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई हैं। अलग-अलग राज्यों के हाईकोर्टों में वाद दायर किए गए हैं।
इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई भी कर चुका है और परीक्षा रद्द करने से इन्कार कर दिया है। हालांकि, इस मामले में 8 जुलाई को सुनवाई होनी है, जिसमें परीक्षा रद्द करने के साथ इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की याचिकाओं पर सुनवाई होगी। इसमें 2015 मामले का भी तर्क दिया जा सकता है, जिसमें गड़बड़ी सामने आने के बाद परीक्षा को रद्दद कर दिया गया था। हालांकि ये उतना आसान नहीं है।
शिक्षा मंत्रालय ने NET की परीक्षा रद्द कर दी है, लेकिन NEET के मामले में मंत्रालय की तरफ ऐसा होना मुश्किल है। इसका सबसे पहला कारण परीक्षा का लोड है। दरअसल, NET के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वालों की संख्या 11 लाख थी, जबकि NEET की परीक्षा 24 लाख अभ्यर्थियों ने दी थी।
NEET का रिजल्ट 4 जून को घोषित हो चुका है, तकरीबन 1563 छात्र जिन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए। इनकी दोबारा परीक्षा के लिए मंत्रालय पहले ही आदेश दे चुका है और 23 जून को इनकी परीक्षा भी होनी है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 8 जुलाई को सुनवाई करेगा, जबकि NEET की काउंसिलिंग शुरू कराने की तारीख 6 जुलाई रखी गई है। ऐसे में परीक्षा रद्द करने के साथ ही काउंसिलिंग भी रद्द करनी होगी। परीक्षा अगर रद्द हो भी जाती है, तो इसके लिए फिर से तैयारी शुरू करनी होगी, इसमें लंबा वक्त भी लग सकता है। ऐसे में अभ्यर्थियों का पूरा सत्र प्रभावित हो सकता है इसलिए ये इतना आसान नहीं है।