पश्चिम बंगाल में मंगलवार की सुबह धमाकों की खबरें आई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चुनाव के दौरान भी पश्चिम बंगाल में कुछ कार्यकर्ताओं के बीच लड़ाई की खबरें आई थी। इसी बीच मंगलवार की सुबह चुनाव आयोग ने फैसला किया है कि CAPF को अगले 15 दिनों तक राज्य में ही रखा जाएगा। दरअसल, चुनाव आयोग नहीं चाहता है कि चुनाव के नतीजों के बाद किसी भी तरह के हालात बिगड़ें। इसी को देखते हुए ये फैसला किया गया है।
इससे पहले लोकसभा चुनावों की मतगणना से पहले पश्चिम बंगाल के हिंसा कुछ खबरें आई थी। इसी को लेकर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से संदेशखाली हिंसा पर रिपोर्ट मांगी थी। इस पर राज्यपाल ने चुनावों के बाद हिंसा पर रिपोर्ट देने को कहा है। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा है कि संदेशखाली में शांति बहाल करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को तत्काल कदम उठाने चाहिए, यह उनकी जिम्मेदारी है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर संदेशखाली में चुनाव बाद हुई हिंसा पर तत्काल रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
पश्चिम बंगाल के बारे में जानकार कहते हैं कि पश्चिम बंगाल वो किला है… जहां जो भी जीतता है वो लंबे समय तक उसका राज स्थापित हो जाता है। पश्चिम बंगाल का इतिहास बताता है कि यहां साढ़े 3 दशक तक लेफ्ट पार्टी की सत्ता रही और अब 13 साल से ममता बनर्जी की सत्ता है।
लेकिन इस बार के हालात कुछ अलग है। फिलहाल इस बार बीजेपी की लहर के सामने टीएमसी का सिंहासन हिलता दिख रहा है। क्योंकि बंगाल में बीजेपी का ना सिर्फ सीटों का नंबर बढ़ रहा है बल्कि वोट का मीटर भी चढ़ रहा है।