केंद्रीय राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर ने कहा है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) एक सप्ताह में पूरे देश में लागू किया जाएगा। ठाकुर ने रविवार को पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना के काकद्वीप में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए कहा “आज मैं गारंटी दे रहा हूं कि सीएए अगले सात दिनों में बंगाल और भारत के अन्य राज्यों में लागू किया जाएगा।”
ठाकुर ने दावा किया कि जो लोग 1971 के बाद देश में चले गए उन्हें वोट देने का अधिकार है लेकिन उन्होंने कुछ हलकों से सुना है कि ऐसे लोगों को उनके मतदान के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने कहा “जो लोग 1971 के बाद इस देश में आए हैं उन्हें वोट देने का पूरा अधिकार है, लेकिन मैंने सुना है कि यहां हजारों लोग हैं जिन्हें वोट देने का अधिकार नहीं है। वे अपने वोट देने के अधिकार से वंचित हैं।”
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला करते हुए भारतीय जनता पार्टी नेता ने पूछा कि क्या जिन लोगों को मतदान के अधिकार से वंचित किया जा रहा है, वे मतुआ समुदाय से हैं या भाजपा समर्थक हैं। भाजपा के लोकसभा सांसद ने कहा “मुख्यमंत्री को जवाब देना होगा कि उन्हें उनके मतदान के अधिकार से क्यों वंचित किया गया है, उनके मतदाता कार्ड क्यों नहीं बनाए गए हैं। क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि वे मतुआ समुदाय से हैं या भाजपा के समर्थक हैं।”
ठाकुर ने यह भी सवाल किया कि पासपोर्ट पूछताछ के समय पुलिस 1970 के दशक की संपत्ति का सबूत क्यों मांगती है, भले ही उनके पास मतदाता पहचान पत्र हो। उन्होंने कहा “मुख्यमंत्री कहते हैं कि यहां का हर व्यक्ति यहां का नागरिक है और उन्हें वोट देने का अधिकार है। अगर ऐसा है तो पासपोर्ट पूछताछ के समय जब दस्तावेज डीआइजी के पास जाते हैं तो वे संपत्ति का प्रमाण क्यों मांगते हैं। 1970 के दशक के उनसे? पुलिस को इसका जवाब देने की जरूरत है।”
ठाकुर ने कहा “पासपोर्ट जांच के लिए वोटर कार्ड, आधार कार्ड और राशन कार्ड देखने के बाद ही मान्यता दी जानी चाहिए। मैं कह रहा हूं कि राज्य सरकार राजनीति के लिए यह सब कर रही है। वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि उन नागरिकों का भविष्य सुनिश्चित करना जरूरी है जो 1971 के बाद देश में आये हैं। उन्होंने कहा “जो लोग 1971 के बाद देश में आए हैं वे यहां के नागरिक हैं और उन्हें वोट देने का पूरा अधिकार है। हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि आने वाली पीढ़ियां सुरक्षित हों।”
ठाकुर ने बताया कि सीएए यह सुनिश्चित करने के लिए लागू किया जा रहा है कि ऐसी समस्याएं न हों और उनका भविष्य सुरक्षित रहे। उन्होंने कहा “इन लोगों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए ही सीएए लागू किया जा रहा है ताकि भविष्य में उन्हें किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े। हमें सीएए लागू करने से रोकने की क्षमता किसी में नहीं है।”
इससे पहले जनवरी में अधिकारियों ने कहा था कि सीएए नियमों की अधिसूचना लोकसभा चुनाव की घोषणा से ‘काफी पहले’ होने की उम्मीद है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने उल्लेख किया कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए सीएए के नियमों का उद्देश्य बांग्लादेश से आए प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों जिनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शामिल हैं, उनको भारतीय नागरिकता प्रदान करना है। दिसंबर 2019 में संसद द्वारा सीएए के पारित होने और उसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में महत्वपूर्ण विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।