Avalanche In Badrinath: उत्तराखंड के चमोली जिले में शुक्रवार को हुए भीषण हिमस्खलन के कारण सड़क निर्माण में लगे 47 मजदूर बर्फ के बड़े-बड़े टुकड़ों के नीचे दब गए। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि सीमा सड़क संगठन शिविर के निर्माण मजदूर बद्रीनाथ के माणा गांव के सीमावर्ती इलाके में काम में लगे थे।
बचाव अभियान
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि आईटीबीपी और सेना के जवान बचाव अभियान में लगे हुए हैं। बीआरओ एक सड़क निर्माण कार्यकारी बल है जो भारतीय सशस्त्र बलों को सहायता प्रदान करता है और उसका एक हिस्सा है। पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता आईजी नीलेश आनंद भरने ने बताया कि 57 मजदूरों में से 10 को बचा लिया गया है।
हिमस्खलन की चेतावनी
इससे पहले गुरुवार को लाहौल और स्पीति पुलिस ने 28 फरवरी को क्षेत्र के लिए हिमस्खलन की चेतावनी जारी की थी। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, सलाह में यात्रियों और स्थानीय लोगों को सावधानी बरतने और निर्दिष्ट सुरक्षित मार्गों तक ही आवाजाही सीमित रखने की चेतावनी दी गई है, क्योंकि कुछ चरम ढलानों पर मध्यम आकार का हिमस्खलन हो सकता है।
बचाव कार्य में चुनौतियां
बीआरओ के अधिशासी अभियंता सीआर मीना ने कहा कि बचाव अभियान जारी है और भारी बर्फबारी के कारण टीम को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बीआरओ के अधिशासी अभियंता ने कहा, “तीन से चार एंबुलेंस भी भेजी गई हैं, लेकिन भारी बर्फबारी के कारण बचाव दल को वहां पहुंचने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।” उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और बीआरओ द्वारा राहत और बचाव अभियान जारी है।
मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
सीएम धामी ने एक्स पर पोस्ट किया, “चमोली जिले के माणा गांव के पास बीआरओ द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्य के दौरान कई श्रमिकों के हिमस्खलन में फंसने का दुखद समाचार मिला। आईटीबीपी, बीआरओ और अन्य बचाव दल राहत और बचाव अभियान चला रहे हैं। मैं सभी श्रमिक भाइयों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं,”