UPSC 2023: कहते हैं कि यदि कड़ी मेहनत आपका हथियार है, तो सफलता आपकी गुलाम हो ही जाएगी। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के पवन कुमार ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। मूलभूत सुविधाओं के अभाव के बाद भी पवन कुमार ने हार नहीं मानी और अपनी लगन, मेहनत और सच्ची निष्ठा से संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा में पास होकर अपने परिवार और गांव का नाम रोशन कर दिखाया।
देश में हर साल लाखों अभ्यर्थी यूपीएससी की परीक्षा में बैठते हैं, लेकिन कुछ ही सफल हो पाते हैं। संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा को भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। इस बार यूपीएससी की परीक्षा में 1016 अभ्यर्थी पास हुए हैं। इन्ही अभ्यर्थियों में से एक बुलंदशहर के पवन कुमार भी हैं, जो UPSC की परीक्षा में 239वीं रैंक हासिल करके IAS अधिकारी बने हैं। बेटे की सफलता पर न केवल परिवार को, बल्कि पूरे गांव को गर्व है।
कहा जाता है कि सफलता के पीछे कई वर्षों का संघर्ष होता है। पवन कुमार बुलंदशहर जिले के रघुनाथपुर गांव के रहने वाले हैं और उनके पिता मुकेश कुमार एक किसान हैं। परिवार की स्थिति ऐसी है कि सरकार द्वारा लागू की गई उज्जवला योजना के तहत मिले गैस सिलेंडर को भराने तक के पैसे नहीं है। पिता और तीन बहनों ने दिन रात मजदूरी करके कोचिंग और किताबों का खर्च निकाला। किसी तरह 3200 रुपए जोड़े तब जाकर परीक्षा की तैयारी के लिए सेकंड हैंड फोन खरीदा। घर की छत पर तिरपाल और अन्य सुविधाओं के बाद भी पवन कुनार ने हार नहीं मानी। पवन कुमार के पिता का कहना है कि उन्हें बेटे की कामयाबी पर बहुत गर्व है। उनकी मां भी खुशी से फूले नहीं समा रही हैं। वहीं पवन की तीनों बहनों को भी भाई की सफलता पर गर्व है।
पवन ने शुरुआती शिक्षा नैनीताल से ग्रहण की। उसके बाद कक्षा 9वीं से 12वीं तक की पढ़ाई बुलंदशहर के बुकलाना स्थित नवोदय विद्यालय में हुई। उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जियोग्राफी, पॉलिटिकल में ग्रेजुएशन किया है। ग्रेजुएशन पूरी होने के बाद दिल्ली के मुखर्जी नगर स्थित एक कोचिंग सेंटर में तैयारी की। दो वर्ष कोचिंग के बाद अधिकतर समय उन्होंने अपने रूम पर रहकर सेल्फ स्टडी की। पवन को तीसरे प्रयास में यह सफलता मिली है।