माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ MP-MLA कोर्ट ने आज यानी बुधवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मुख्तार अंसारी को 33 साल पुराने गाजीपुर के फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में आज सजा सुनाई गई है। मुख्तार अंसारी अभी बांदा जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। मुख्तार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किया गया।
जज अवनीश गौतम ने यह आदेश पारित किया है। बता दें कि मुख्तार अंसारी को अवधेश राय हत्याकांड में 5 जून 2023 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। मुख्तार अंसारी को अब तक 7 मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है। 8वें मामले में भी उसे दोषी करार दिया गया है।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, 10 जून 1987 को मुख्तार अंसारी ने दोनाली बंदूक के लाइसेंस के लिए गाजीपुर के जिलाधिकारी के यहां प्रार्थना पत्र दिया था। अंसारी पर यह आरोप था कि उसने गाजीपुर के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के फर्जी हस्ताक्षर से शस्त्र लाइसेंस लिया था। मामला सामने आने के बाद 4 दिसंबर 1990 सीबीसीआईडी ने गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में मुख्तार अंसारी, तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर समेत 5 नामजद और अन्य अज्ञातों के खिलाफ केस दर्ज किया था।
जांच के बाद 1997 में तत्कालीन आयुध लिपिक गौरीशंकर श्रीवास्तव और मुख्तार अंसारी के विरुद्ध आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया गया था। लेकिन, कोर्ट की सुनवाई के दौरान ही गौरीशंकर श्रीवास्तव की मृत्यु हो गई थी। इसलिए उसपर दर्ज मुकदमें को 18 अगस्त 2021 को खत्म कर दिया गया था। बाद में कोर्ट में एडीजीसी विनय कुमार सिंह और अभियोजन अधिकारी उदय राज शुक्ला ने अभियोजन की ओर से अपना पक्ष रखा।
मुख्तार अंसारी को कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 ज (बहुमूल्य सुरक्षा), वसीयत की जालसाजी और 468 (ठगी के मकसद से जालसाजी) धाराओं के तहत सजा सुनाई है। मुख्तार अंसारी को आयुध अधिनियम की धारा 30 के तहत भी दोषी करार दिया गया है।