पूरा देश जहां श्रीराम लला के प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन में जुटा हुआ है। देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी रामलला के लिए वस्त्र और आभूषण आ रहे हैं। लोगों के आने का तांता लगा हुआ है। सबने महीनों पहले अपने होटल और रहने की व्यवस्था कर ली है। 22 जनवरी का दिन ऐतिहासिक होने वाला है। जहां जनता से लेकर सरकार हर कोई अपनी भागीदारी निभाने में व्यस्त है। इस एक त्योहार के तौर पर मनानेके लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ के साथ-साथ यूपी सरकार भी लगी हुई है। इसके लेकर हर जगह उत्सव का माहौल है, चाहे वह मंदिर हो या घर, सभी ओर राम की गूंज है। हालांकि प्राण प्रतिष्ठा से पहले लोग मंदिर से जुड़ी अपनी यादें भी साझा कर रहे हैं।
1990 के उस दौर मेंअयोध्या कारसेवा करने जा रहे कारसवकों को जब पुलिस ने बंदी बनाया और जेल में भेजा गया। तब जेल
प्रशासन की तरफ से उन्हें एक प्रमाण पत्र दिया जाता था। जिस पर लिखा होता था, 107-16 की धारा में राम भक्ति चालान। कार सेवकों के पास ये प्रमाण पत्र आज भी मौजूद है। उन दिनों कितनी शहादतें हुईं। राम के नाम पर लोगों ने अपनी संतानें कुर्बान कर दीं।
अगर मंदिर भी जाना चाहेतो एक अपराध कर रहे हैं। उस समय मुलायम सरकार की पुलिस वह जुर्मकर रही थी जो मर्डर करने वालेआरोपियों के साथ की जाती है। बहुत डरावना माहौल था घर के बाहर औरतेंनिकल नहीं पा रही थीं। एक कारसेवक ने बताया कि उस समय एक जत्था अयोध्या जा रहा था। इस दौरान बीच रास्ते से ही पुलिस ने डेढ़ सौ कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया और 13 दिनों तक जेल मेंबंद करके रखा। यहां तक कि प्रशासन की तरफ से हमें रामभक्ति का चालान थमा दिया गया था। अब साल 2024 है जहां राम भक्त होना गौरव की बात मानी दजा रही है। पूरा देश फक्र से सिर उपर करके कहता है कि वह अयोध्या से है। श्रीराम की नगरी से है।