प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को केंद्र के ‘जल जीवन मिशन’ के कार्यान्वयन में मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत राजस्थान भर में आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर तलाशी ली।
धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत सुबह से ही छापेमारी चल रही है। सूत्रों ने बताया कि जिन स्थानों पर तलाशी ली गई उनमें पूर्व मंत्री महेश जोशी का परिसर भी शामिल है।
मामले में ईडी का नया कदम लगभग ढाई महीने बाद आया है जब उसने राजस्थान में 25 स्थानों पर छापेमारी की थी, जिसमें एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी, कुछ इंजीनियरों, ठेकेदारों और राज्य सरकार के पूर्व अधिकारियों के परिसर शामिल थे, जिनके इस मामले से जुड़े होने का संदेह था।
एजेंसी ने पिछले साल नवंबर में छापेमारी शुरू की थी और जिन स्थानों पर उन्होंने तलाशी ली वह राजस्थान के जयपुर और दौसा शहर में स्थित थे। 1 सितंबर को ईडी ने राजस्थान के कई शहरों में भी इसी तरह की छापेमारी की थी।
ईडी का मनी लॉन्ड्रिंग मामला राजस्थान पुलिस द्वारा पहले दर्ज की गई प्रथम सूचना रिपोर्ट पर आधारित है। भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने जून में राजस्थान में केंद्र सरकार के ‘जल जीवन मिशन’ के कार्यान्वयन में 20,000 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि योजना की 48 परियोजनाओं में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर दो फर्मों को 900 करोड़ रुपये के टेंडर जारी किए गए थे।
‘जल जीवन मिशन’ का उद्देश्य घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है और इसे राजस्थान सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग (पीएचईडी) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।