कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बारे में राहुल गांधी ने पंजाब विधानसभा के चुनाव के दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए ये कहा था कि सिद्धू जी के दिल और खून में पंजाब है, आप काट के देखिए कभी खून निकलेगा तो उसमें पंजाब दिखाई देगा। नवजोत सिंद्धू को लेकर राहुल गांधी का यह बयान सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा वायरल भी हुआ था। राहुल गांधी के यह बयान आपको इसलिए याद दिला रहे हैं, क्योंकि नवजोत सिंद्धू के एक बार फिर से बीजेपी में जानें की अटकलें लगाई जा रही हैं। नवजोत सिंह सिद्धू का हाथ कमल की ओर क्यों बढ़ रहा है आपको इसके पीछे की पूरी कहानी बताते हैं।
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू एक बार फिर चर्चा मे हैं। इस बार सिद्धू इसले चर्चा में हैं क्योंकि उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं। दरअसल राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के करीबी लोगों में गिने जाने के बावजूद सिद्धू को कांग्रेस में कोई नहीं पूछ रहा है। पंजाब कांग्रेस में तो वे हाशिये पर आ गए हैं।
वैसे तो राजनीति में नेताओं का एक पार्टी से दूसरी पार्टी में जाने का सिलसिला लगा रहता है लेकिन कई नेताओं की पहचान दल बदलू के नाम से होने लगती है। इन नेताओ की लिस्ट में जल्द ही नवजोत सिंह सिद्धू का नाम भी जुड़ सकता है। दरअसल पंजाब विधानसभा चुनाव के बाद से ही सिद्धू और पंजाब कांग्रेस के बीच खटास बढ़ने लगी थी। बीते कुछ दिनों में पंजाब कांग्रेस से उनकी तल्खी और बढ़ गई और सिद्धू साइड लाइन महसूस करने लगे। सिद्धू कई बार पार्टी लाइन से हटकर अपनी अलग-अलग रैलियां भी निकालते रहे हैं। जानकारों के मुताबिक सिद्धू की बीजेपी के साथ अंदरखाने बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है। बीजेपी उन्हें पंजाब से लोकसभा चुनाव का टिकट भी दे सकती है। बीजेपी के खिलाफ पिछले कुछ समय से आक्रामक रुख अपनाने वाले सिद्धू इन दिनों शांत है। बातचीत पिछले दो दिनों में और भी आगे बढ़ी है। इसका इशारा खुद सिद्धू के हाव भाव में आया है। तीन चार दिन पहले तक किसानों के मुद्दे पर सिद्धू बीजेपी को आड़े हाथों ले रहे थे लेकिन पिछले तीन दिनों से उन्होंने चुप्पी साध ली है। पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी से करारी शिकस्त खाने के बाद बीजेपी को भी सिद्धू जैसे चहरे की बेहद जरूरत है। बीजेपी पंजाब में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है।
पिछले लोकसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस को सबसे ज्यादा 8 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं बीजेपी और अकाली दल के गठबंधन को महज 4 सीटें मिली थी। जबकि आप के खाते में 1 सीट गई थी लेकिन पंजाब की कहानी अब पूरी तरह से बदल चुकी है। पंजाब में अब आम आदमी पार्टी का बड़ा रोल हो चुका है। हमने इसकी झलक विधानसभा चुनाव में देखी थी।
बता दें कि विधानसभा चुनाव के समय सिद्धू पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष थे। विधानसभा चुनाव में सिद्धू कांग्रेस को सिर्फ 18 सीटों पर ही जीत दिला पाए। कांग्रेस को इसका खामियाजा इसलिए भी उठाना पड़ा क्योंकि कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर की जगह पर सिद्धू को तबज्जो ज्यादा दी और चुनाव में कांग्रेस को बुरी हार झेलनी पड़ी। चुनाव के बाद हार का ठिकड़ा सिद्धू के सिर फोड़ा गया और उसी समय से वे पार्टी में हाशिये पर आ गए। लोकसभा चुनाव के ऐन पहले सिद्धू को भी एक बड़ा मौका मिला है और हवा का रुख भांपते हुए सिद्धू इस मौके को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ना चाहते।