लंबे समय तक अटकलों और लुका-छिपी के नाटक के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के अध्यक्ष हेमंत सोरेन को भूमि घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया।
इससे पहले बुधवार शाम को कथित भूमि घोटाला मामले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में ईडी द्वारा छह घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद झामुमो प्रमुख हेमंत सोरेन ने राजभवन में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की और अपना इस्तीफा सौंप दिया।
विशेष रूप से हेमंत सोरेन के वफादार चंपई सोरेन, जो राज्य के परिवहन मंत्री हैं, मुख्यमंत्री के रूप में अपनी भूमिका निभाएंगे। राज्य के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन सात बार विधायक हैं और वह झारखंड में सरायकेला निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। झामुमो में शामिल होने से पहले वह निर्दलीय विधायक थे। उन्होंने झारखंड को अलग राज्य बनाने के आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया और उस आंदोलन के दौरान प्रमुखता से उभरे। बाद में चंपई को ‘झारखंड का बाघ’ कहा जाने लगा।
झामुमो नेता और राज्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा “हमने चंपई सोरेन को विधायक दल के नेता के रूप में चुना है। हम शपथ समारोह के लिए राज्यपाल से अनुरोध करने राजभवन आए थे।”
इससे पहले दिन में ईडी अधिकारियों की एक टीम कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के आवास पर पहुंची। सूत्रों के मुताबिक ईडी ने सोरेन को नया समन जारी कर कहा था कि वह 29 या 31 जनवरी को पूछताछ के लिए उपलब्ध रहें, नहीं तो एजेंसी खुद उनसे पूछताछ के लिए जाएगी। ईडी द्वारा झारखंड के मुख्यमंत्री को जारी किया गया यह दसवां समन है।
रांची में मुख्यमंत्री आवास के आसपास भारी पुलिस तैनाती की गयी है। इस बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के कार्यकर्ताओं द्वारा कार्रवाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, रैलियां और जुलूस की आशंका के बीच सीएम आवास, राजभवन और ईडी कार्यालय के बाहर 100 मीटर के दायरे में धारा 144 लागू कर दी गई है। ईडी की कार्रवाई के खिलाफ झामुमो कार्यकर्ता मोरहाबादी मैदान में जुटे थे और लगातार ‘हेमंत सोरेन जिंदाबाद’ के नारे लगा रहे थे।
सोमवार को ईडी के अधिकारी सोरेन से पूछताछ करने के लिए दिल्ली स्थित उनके आवास पर गए। केंद्रीय एजेंसी ने दो कारें और 36 लाख रुपये जब्त किये लेकिन झामुमो नेता नहीं मिले। बाद में सोरेन ने प्रवर्तन निदेशालय को लिखे एक पत्र में कहा कि वह बुधवार 31 जनवरी को दोपहर 1 बजे रांची में अपने आवास पर एजेंसी के अधिकारियों के सामने अपना बयान दर्ज कराएंगे।
झारखंड के मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि इस समय उनसे पूछताछ करना राजनीतिक अधिक है और इसका मतलब उनकी सरकार के कामकाज को बाधित करना है। ईडी के मुताबिक सीएम सोरेन से ‘माफिया द्वारा भूमि के स्वामित्व में अवैध परिवर्तन के बड़े रैकेट’ की जांच के तहत पूछताछ की गई थी। जांच करोड़ों रुपये मूल्य की जमीन के विशाल पार्सल हासिल करने के लिए जाली या फर्जी दस्तावेजों की आड़ में ‘फर्जी विक्रेताओं’ और खरीदारों को दिखाकर आधिकारिक रिकॉर्ड में जालसाजी करके उत्पन्न अपराध की बड़ी मात्रा से संबंधित है।