PM Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के सूरत में ‘जल संचय जन भागीदारी पहल’ की शुरुआत की। वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि यह बेहद अहम पहल है, जिसकी गुजरात की धरती से शुरुआत हो रही है। जल शक्ति मंत्रालय ने इस पहल की शुरुआत की है।
गुजरात के लोग संकट में भी कंधा से कंधा मिलाकर खड़े रहते हैं: पीएम मोदी
पीएम ने कहा, “इन दिनों देश के हर कोने में भारी बारिश हो रही है। देश का कोई हिस्सा ही शायद होगा, जिसने इस प्राकृतिक आपदा की वजह से संकट न झेला हो। इस बार गुजरात के लोगों ने भारी संकट का सामना किया है। हमारी सारी व्यवस्थाओं में भी इतनी क्षमता नहीं है कि इस प्राकृतिक आपदा की घड़ी में हमारी मदद कर सकें, लेकिन गुजरात के लोगों और अन्य देशवासियों में ये आदत है कि संकट की घड़ी में सभी कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हो जाते हैं।”
कार्यक्रम में जुड़ने से पीएम ने एक्स पर किया था पोस्ट
इससे पहले ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा, “हमारी सरकार जल संरक्षण के जरिए जल सुरक्षा को नई ताकत देने के लिए तैयार है। इस दिशा में मुझे आज दोपहर करीब 12:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गुजरात के सूरत में ‘जल संचय जन भागीदारी पहल’ के शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर प्राप्त होगा।”
बता दें कि गुजरात सरकार और जल शक्ति मंत्रालय के सहयोग से ‘जल संचय जन भागीदारी पहल’ शुरू की गई है। इस कार्यक्रम के तहत, लगभग 24,800 वर्षा जल संचयन संरचनाएं बनाई गई हैं, जो वर्षा जल संचयन को समृद्ध करेंगी और पूरे राज्य में दीर्घकालिक जल स्थिरता सुनिश्चित करेंगी।
24,800 वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण
गुजरात सरकार ने जल सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने के लिए नागरिकों, स्थानीय निकायों और अन्य हितधारकों को संगठित करने का प्रयत्न किया है। इस कार्यक्रम के दौरान पूरे राज्य में सामुदायिक भागीदारी के साथ लगभग 24,800 वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है। ये पुनर्भरण संरचनाएं वर्षा जल संचयन को बढ़ाने और दीर्घकालिक जल स्थिरता सुनिश्चित करने में सहायक होंगी।