पान मसाला बनाने वाली कंपनी केपी ग्रुप ऑफ कंपनीज पर गुरुवार शाम सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स (सीजीएसटी) ने छामेमारी की। कंपनी पर आरोप है कि बिना बिल के माल बेचा जा रहा था। बिना बिल से सप्लाई करके करोड़ों रुपये की जीएसटी चोरी की गई और राजस्व की क्षति पहुंचाई। कंपनी पर बिना बिल के माल सप्लाई करने का भी आरोप लगा है। सीजीएसटी द्वारा ये छामेमारी कमला पसंद, राजश्री सहित अन्य नाम से पान मसाला बनाने वाली केपी ग्रुप ऑफ कंपनीज पर की गई। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, विभाग ने ये छापेमारी करीब 15 स्थानों पर की थी। जीएसटी के अधिकारी ने बताया कि तीन करोड़ रुपये से अधिक की जीएसटी चोरी कंपनी द्वारा किए जाने की जानकारी मिली है। कार्रवाई पूरी होने के बाद जीएसटी चोरी की सही रकम के बारे में पता चल सकेगा।
सीजीएसटी के अपर आयुक्त डीडी मंगल ने मीडिया से बात करते हुए कहा,’तंबाकू उत्पादों से लदे दो ट्रकों को भी फिलहाल कब्जे में ले लिया गया है। इनमें लदे माल का आकलन कर टैक्स से संबंधित दस्तावेजों की पड़ताल की जा रही है। स्टॉक की चेकिंग के साथ-साथ फैक्ट्री में लगी मशीनों की क्षमता की जानकारी भी जुटाई जा रही है। बृहस्पतिवार देर रात तक छापामारी की यह कार्रवाई जारी थी और शुक्रवार तक चलेगी।’
सीजीएसटी की टीम ने माल से लदे दो ट्रकों को भी अपने कब्जे में लिया है। सूत्रों के मुताबिक, कंपनी की टैक्स चोरी करीब 20 करोड़ से ज्यादा की हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक, सीजीएसटी की टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि केपी ग्रुप ऑफ कंपनीज द्वारा माल तैयार कर बिना बिल के बेचा जा रहा है। इस पुख्ता जानकारी के बाद सीजीएसटी के गाजियाबाद कमिश्नर संजय लवानिया के निर्देश पर अधिकारियों की टीमें गठित की गईं। गठित टीमों को कंपनी के गाजियाबाद में साहिबाबाद, बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र स्थित के 15 से अधिक ठिकानों पर भेजा गया और फिर एक साथ छापेमारी की गई।
टीम ने बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र, साहिबाबाद साइट-4 औद्योगिक क्षेत्र और एबीईएस कॉलेज के पास छापेमारी की। सूत्रों के मुताबिक, विभाग के अधिकारियों को इस छापेमारी में टैक्स चोरी के पुख्ता सुबूत मिले हैं।
इस साल फरवरी के शुरुआती हफ्ते में GST Council की ओर से एक एडवाइजरी जारी की गई थी, जिसके मुताबिक, पान मसाला, गुटखा और इसी तरह के तंबाकू उत्पादों को बनाने वाले को 1 अप्रैल से गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) अधिकारियों के साथ अपनी पैकिंग मशीनरी को रजिस्ट्रेशन कराने में विफल रहने पर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना देना होगा। इस कदम का उद्देश्य तंबाकू विनिर्माण क्षेत्र में राजस्व रिसाव को रोकना है।
सीजीएसटी क्या है
सीजीएसटी का फुल फॉर्म है- सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स। यह टैक्स कलेक्शन केंद्र सरकार के नाम पर होता है। इसमें खरीदार और विक्रेता एक ही राज्य में होते हैं, यानी खरीद और बिक्री एक ही राज्य की सीमा के अंदर होती है, तो इस पर CGST+SGST वसूला जाता है। इसमें CGST केंद्र सरकार के हिस्से में जाता है।