- 18 सितंबर से संसद का विशेष सत्र शुरू
- 18 से 22 सितंबर -नए संसद भवन में होगी
- पीएम नरेंद्र मोदी द्वारानए संसद भवन का शुभारंभ 28 मई 2023
पार्लियामेंट का विशेष सत्र की कार्यवाही 18 सितंबर को पुराने भवन में शुरू होगी। 19 सितंबर से नए संसद भवन में संसद की कार्यवाही होगी। 19 सितंबर को नए संसद भवन में कार्यवाही की शुरुआत से पहले एक विशेष पूजा का भी कार्यक्रम रखा गया है। 18 से 22 सितंबर तक चलने वाले इस सत्र में पहले दिन को छोड़कर बाकी दिन की कार्रवाई नए संसद भवन में होगी। गणेश चतुर्थी के दिन नए भवन में कार्यवाही की शुरुआत होगी।
विशेष सत्र की तैयारियां –
लोकसभा सचिवालय के बुलेटिन के मुताबिक, 17वीं लोकसभा का 13वां संसद सत्र सोमवार 18 सितंबर 2023 को शुरू होगा। राज्यसभा का 261वां सत्र भी सोमवार 18 सितंबर से ही शुरू होगा। दोनों सदनों का यह सत्र प्रश्नकाल या निजी सदस्यों के कामकाज के बिना आयोजित किया जाएगा।
संसद भवन के कर्मचारियों के नई पोशाक-
सूत्रों बताते हैं कि भवन के कर्मचारियों के नई पोशाक को राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (NIFT) ने डिजाइन किया है। सचिवालय के कर्मचारियों के बंद गले के सूट को बदल कर मैजेंटा या गहरे गुलाबी रंग की जैकेट कर दी जाएगी। इनकी शर्ट भी गहरे गुलाबी रंग के होगी।जिस पर कमल के फूल की डिजाइन होगी। इसके साथ कर्मचारी खाकी रंग की पैंट पहने हुए नजर आएंगे। नए ड्रेस कोड में संसद भवन सचिवालय में रिपोर्टिंग, टेबल ऑफिस, नोटिस ऑफिस, विधायी शाखा और सुरक्षा विभाग के अधिकारी मार्शल शामिल है। अब तक सुरक्षा में लगे कर्मचारी नीले या काले रंग के सफारी सूट पहनते हैं। इसके बजाए उन्हें सैनिकों की तरह कैमोफ्लेज ड्रेस दी जाएगी।
क्या होगा विशेष सत्र में ?
इस विशेष सत्र को बुलाने के पीछे सरकार का उद्देश्य विपक्ष के तमाम खड़े किए गए सवालों को धराशाई करना है। एक देश एक चुनाव से लेकर समान नागरिक संहिता तक को लेकर चर्चा हो रही है। देश में जोरों पर चर्चा एक देश एक चुनाव पर चल रही है। प्रधानमंत्री मोदी भी कई बार एक देश, एक चुनाव कराने की बात कहते रहे हैं। सत्ता पक्ष का मानना है कि बार-बार चुनाव कराने से देश पर अनावश्यक खर्च बढ़ता है और सरकारों पर दबाव रहता है। यदि पांच साल में एक ही बार चुनाव हों तो सरकारें इस दबाव से मुक्त होकर जनहित के निर्णय ले सकेंगी। इस बीच संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सत्र में इस विषय पर केवल चर्चा होगी। मोदी सरकार संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक ला सकती है। विपक्षी गठबंधन इंडिया के घटक दल इस मुद्दे को लेकर रणनीति बनाने में जुटे हैं।