समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आज़म खान और उनके परिवार की मुश्किलें दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही हैं। इसी कड़ी में रामपुर की अदालत ने आज़म खान, उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट के मामले में 7-7 साल की कैद की सजा सुनाई है। सूत्रों के मुताबिक तीनों कोर्ट से सीधा जेल भेजा जाएगा। पूरा मामला अब्दुल्ला आजम खान के दो जन्म प्रमाण पत्र से जुड़ा है और बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने साल 2019 में ये केस दर्ज करवाया था।
आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम पर दो अलग-अलग बर्थ सर्टिफिकेट रखने का आरोप लगा था। एक सर्टिफिकेट 28 जून 2012 को जारी हुआ जो रामपुर नगर पालिका ने जारी किया गया। इसमें अब्दुल्ला के जन्मस्थान के रूप में रामपुर को दिखाया गया है। जबकि दूसरा जन्म प्रमाण पत्र जनवरी 2015 में जारी किया गया। इसमें अब्दुल्ला के जन्मस्थान को लखनऊ दिखाया गया है। इतना ही नहीं अब्दुल्ला आजम पर पहले बर्थ सर्टिफिकेट के आधार पर पासपोर्ट लेकर विदेश जाने का आरोप भी लगाया गया है। वहीं सरकारी कामों के लिए दूसरे बर्थ सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करने का आरोप भी है। मामला हाई कोर्ट पहुंचने के बाद इस पर सुनवाई शुरू हुई थी और अब्दुल्ला की तरफ से पेश किए गए जन्म प्रमाण पत्र को फर्जी पाया गया था। इसके बाद स्वार सीट से उनका चुनाव रद्द कर दिया गया था। 2017 विधानसभा चुनाव में अब्दुल्ला आजम ने रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी लेकिन उनके खिलाफ फर्जीवाड़े को लेकर हाई कोर्ट में केस दाखिल हुआ था। तीनों पर धारा 420, 467, 468, 471 के तहत मामला दर्ज किया गया था। कोर्ट ने अब इसी मामले में 18 अक्टूबर को ही तीनों को दोषी करार दिया है।
इस केस में अब्दुल्ला आजम, उनके पिता आजम खान और मां तंजीम फातिमा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। रामपुर की एमपीएमएलए कोर्ट ने तीनों को फर्जीवाड़ा के लिए दोषी माना है। तीनों को धारा 467 और धारा 468 में सात और तीन साल की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही 15 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। सजा सुनाने से पहले अदालत ने तीनों को दोषी करार देते हुए हिरासत में लिया था, तीनों को कोर्ट से सीधे जेल भेजने की तैयारी हो रही है। गंज थाने में अब्दुल्ला आजम के खिलाफ केस दर्ज करवाया गया था।